Mughal harem: अकबर के हरम में थी 5000 औरतें फिर भी हिजड़ों से कराता था ये काम; रानियों पर था शक!
Akbar kinner story: आपने मुगल बादशाह अकबर के बारे में इतिहास में पढ़ा ही होगा लेकिन आज हम उस कहानी की चर्चा कर रहे हैं. जो आपने कभी नहीं जाना. अकबर अपने हरम में हिजड़ों से ऐसा काम कराता था. उसे अपनी रानियों पर भी भरोसा नहीं था.
Akbar harem dark secret: आपने इतिहास में मुगलों के बारे में जरूर पढ़ा होगा और उसमें बादशाह अकबर के युद्धों के बारे में जाना होगा, लेकिन आज हम आपको अकबर के हरम की ऐसी कहानी बता रहे हैं. जिसे जानने के बाद आप भी भौचक हो जाएंगे. आपने ये बात तो सुनी होगी कि अकबर के हरम में लगभग 5 हजार औरतें थी, लेकिन इसके अलावा वो हरम में हिजड़ों को भी रखता था. आप भी सोचेंगे कि जब इतनी सारी रानियां थी तो हिजड़ों को हरम में क्यों रखा जाता था. दरअसल, इसके पीछे अकबर की सोची समझी रणनीति थी. आइए जानते हैं वह इन लोगों से क्या कराता था?
हिजड़ों का होता था ऐसे इस्तेमाल
अकबर के हरम में 5 हजार से भी ज्यादा महिलाएं थीं, लेकिन इसके अलावा वहां हिजड़ों को भी रखा जाता था. आपको बता दें कि ये किन्नर अकबर के बहुत ही विश्वासपात्र होते थे. ऐसे में वह हरम में सैनिकों को नहीं रखता था और इनकी जगह हिजड़े ही वहां पर सुरक्षा करते थे. दरअसल, रानियों के साथ महिलाएं भी होती थी लेकिन उन्हें इतना शक्तिशाली नहीं माना जाता था कि वे हरम की सुरक्षा कर पाएं.
हिजड़ों को मिलती थी सैलरी?
हरम के जो भी महिलाएंं-हिजड़े काम करते थे. उन्हें सैलरी दी जाती थी. आपको बता ऐं कि दरोगा को सबसे ज्यादा एक हजार रुपये महीने का वेतन भी दिया जाता था. वहीं जो नौकर होते थे, उन्हें दो रुपये महीने सैलरी दी जाती थी. इतालवी लेखक निकोलाओ बताते हैं कि जब हरम में कोई बीमार होता था तो हकीम को पूरी तरह से कवर कर के हरम में ले जाते थे.
हकीम कैसे करते थे इलाज
जॉन मार्शल (John Marshall) जो अंग्रेज यात्री-लेखक थे. वे बताते हैं कि हकीम, मरीज के पूरे शरीर पर रूमाल रगड़ते थे. इसके बाद इस रूमाल को पानी के एक जार में रखते थे और फिर इसकी सुगंध से बीमारी का पता लगाया जाता था.
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