Mughal Harem Dark Secrets: मुगल काल (Mughal Era) के यूं तो कई किस्से हैं, लेकिन ये हैरान करने वाला है कि मुगलिया सल्तनत में किन्नर (Transgender) भी एक तरह से पावर सेंटर थे. किन्नरों को मुगल काल में 'ख्वाजासरा' कहा जाता था. मुगल हरम (Mughal Harem) की सुरक्षा की जिम्मेदारी इनके ही कंधों पर होती थी. बताया जाता है कि मुगल हरम की सुरक्षा बेहद कड़ी थी. सबसे अंदर के घेरे में किन्नरों को रखा जाता था. किन्नरों की इजाजत के बिना किसी को भी हरम में एंट्री नहीं मिलती थी. इतिहासकार ये भी बताते हैं कि मुगल काल में किन्नरों की बड़ी मौज थी. तमाम ऐशो-आराम किन्नरों को मिलता था. किन्नरों के पास अच्छे-अच्छे कपड़े, खतरनाक हथियार और ताकतवर घोड़े तक थे.


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किन्नरों को मिली अहम जिम्मेदारी!


जान लें कि बाबर और हूमायूं के काल में तो किन्नरों का जिक्र कम ही मिलता है. लेकिन अकबर और उसके बाद से मुगल दरबार से लेकर हरम तक किन्नरों ने अपनी खास जगह बना ली थी. बताया जाता है कि मुगल बादशाह अकबर के शासन काल में हरम को कई हिस्सों में बांटा गया था. इनकी जिम्मेदारी किन्नरों को दी गई थी. उन्हें एक तरह से हरम का केंद्र माना जाता था. हरम के कई लेयर की सुरक्षा थी.


किन्नरों की इजाजत के बिना एंट्री नहीं


कहते हैं कि किन्नरों की मर्जी के बिना हरम में किसी को प्रवेश नहीं मिलता था. अकबरनामा में जिक्र है कि एक बार नियामत नामक एक किन्नर ने हरम में मुगल बादशाह अकबर के सौतेले भाई अधम खान को घुसने से रोक दिया था. इसके अलावा एक किन्नर के पास सुरक्षा से लेकर वित्त जैसे अहम जिम्मेदारियां होने का जिक्र भी मिलता है.


सुरक्षा के अलावा करते थे ये अहम काम


गौरतलब है कि मुगल हरम की पहरेदारी के अलावा किन्नरों को जासूसी के काम में भी लगाया गया था. मुगल हरम से लेकर दरबार तक सियासत की कमी भी नहीं थी. तमाम साजिशों को नाकामयाब करने के लिए बादशाह के लिए किन्नर इधर-उधर हो रही कानाफूसी पर कान लगाए रहते थे.


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