Was Mughal Emperor Akbar educated? मध्य एशिया से आकर भारत में लूटमार और महिलाओं के साथ अनाचार करने वाले मुगलों ने करीब 300 सालों तक भारत पर राज किया. उनका यह शासन हिंदुओं पर हुए भीषण अत्याचार और भारतीय संस्कृति को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए जाना जाता है. इन्हीं मुगलों में से एक शासक अकबर को वामपंथी इतिहासकारों ने किताबों में महान शासक का दर्जा दिया है. अकबर अपने दरबार में नवरत्नों को रखने का शौक रखता है. ये वे दरबारी होते थे, जिन्हें अलग-अलग विद्या में निपुण और मुगलों का वफादार माना जाता था. 


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क्या अकबर एक अनपढ़ इंसान था?


लेकिन क्या आपको पता है कि अपने आसपास पढ़े-लिखे लोगों का जमावड़ा रखने वाला अकबर (Mughal Emperor Akbar) एक अंगूठाटेक अनपढ़ इंसान था. उसे अरबी, उर्दू और फारसी भाषा को लिखने की जानकारी नहीं थी. वह अपने दरबारियों के जरिए लिखा-पढ़ी का काम करवाता था. जबकि उसके वंश के अधिकतर शासक पढ़े-लिखे रहे थे. 


ये मुल्ला था अकबर का पहला उस्ताद


इतिहासकार एंड्रे विंक लिखते हैं कि हुमायूं (Humayun) ने अपने अनपढ़ बेटे अकबर (Mughal Emperor Akbar) को पढ़ाने-लिखाने की खूब कोशिश की. जब अकबर की उम्र 4 साल और 4 महीने की थी, तब हुमायूं ने उसके लिए एक उस्ताद की ड्यूटी लगाई. इस उस्ताद का नाम मुल्लाजादा मुल्ला असमुद्दीन था. वह अकबर का पहला टीचर था. लेकिन मुल्ला असमुद्दीन की खूब कोशिशों के बावजूद अकबर कुछ भी नहीं सीख पाया. इसके बाद हुमायूं ने एक के बाद एक कई उस्ताद बदल डाले लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ. 


अकबर के अनपढ़पन से हारा हुमायूं


जब अकबर की स्थिति में हालात में सुधार नहीं हुआ तो हुमायूं (Humayun) परेशान हो गया. उसने समझ लिया कि अकबर (Mughal Emperor Akbar) कभी पढ़-लिख नहीं पाएगा. इसके बाद उसने अकबर को भारतीय रीति-रिवाजों और युद्ध कला की ट्रेनिंग दिलवानी शुरू कर दी, जिससे वह उसके बाद मुगल वंश की गद्दी संभाल सके. इसके साथ ही अकबर को लकड़ी की कारीगरी सिखाई गई, जिससे वह भारत में मध्य एशिया की स्थापत्य कला को बढ़ावा दे सके. 


तो इस वजह से नहीं पढ़ पाया अकबर!


कई इतिहासकारों का मानना है कि अकबर (Mughal Emperor Akbar) की इस हालत के लिए डिस्लेक्सिया नामक विकार जिम्मेदार था. इस विकार की वजह से ही कोई भी बच्चा अक्षरों की पहचान नहीं कर पाता. यानी उसके मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में आपस में तालमेल नहीं बन पाता, जिसके चलते उसकी आंखें जो देख रही होती हैं, वह इसका संदेश दिमाग को नहीं भेज पाती. मुगल वंश पर रिसर्च करने वाली एलेन का दावा है कि अकबर की यही बीमारी ही उसकी पढ़ाई-लिखाई में बाधा बनी थी.