मुंबई: भायखला स्टेशन को उसके पुराने हेरिटेज स्वरूप में ले जाया जाएगा. यह काम एक साल में होगा. प्लेटफॉर्म के छतें, प्रवेश, निकास, दरवाजे, लाइटिंग, दीवारें, रंग, एंटीक फर्नीचर और ग्रिल को वही पुराना हेरिटेज लुक दिया जाएगा. यानी वैसा ही जैसा स्टेशन बनाते वक्त ब्रिटिश दौर में था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ब्रिटिश राज के दौरान 1853 में खुला था भायखला स्टेशन और उसे एक बड़ा स्टेशन बनाया गया 1891 में. ये न सिर्फ मुंबई बल्कि देश के शुरुआती रेलवे स्टेशन में से एक था. ये स्थापत्य कला का बेजोड़ उदाहरण था. मगर कालांतर में इसका स्वरूप बदलते गया और आधुनिकता ने इसकी ओरिजिनल हेरिटेज खूबसूरती को हाशिये पर धकेल दिया. मगर अब ये अपने पुराने रूप में लौटेगा. 


इसकी शुरुवात हो चुकी है और हाल ही रेलमंत्री पीयूष गोयल ने स्टेशनों के लिए विरासत संरक्षण परियोजनाओं की शुरुआत की जिसमे सालभर के अंदर ही मुंबई के कुल 9 स्टेशनों को उनकी पुरानी हेरिटेज 'ग्लोरी' में लौटाया जाएगा. इसमें करीब 3 करोड़ रुपये खर्च होंगे. रेलवे के साथ मिलकर इसे बजाज ग्रुप चैरिटेबल ट्रस्ट और शायना एनसी की NGO 'आई लव मुंबई' पूरा करेंगे.