Mumbai Road Accident News: अब तक आप अमेरिका में भारी भरकम जुर्माने के बारे में सुनते आए होंगे. लेकिन जब आपको बताएंगे कि भारत में भी भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है तो चौंकना लाजिमी है, लेकिन चौंकने की जरूरत नहीं है. मुंबई में मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में दोषी को 2 करोड़ रुपए अदा करने का फैसला सुनाया है. चलिए बताते हैं मामला क्या है.बात 2016 की है भांडुप का रहने वाला एक शख्स नेशनल हाईवे किनारे खड़ा हो पेशाब कर रहा था. उसी दौरान एक तेज रफ्तार टैंकर ने टक्कर मारी और वो बुरी तरह जख्मी हो गया. अस्पताल में उस पीड़ित शख्स को भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने सलाह दी कि एक पैर काटना पड़ेगा. डॉक्टरों की सलाह पर उसके पैर को काट दिया गया.


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ट्रिब्यूनल के फैसले की चर्चा
मामला अदालत में गया. अदालत के सामने पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों की तरफ से जबरदस्त दलील दी गई. अदालत के सामने आरोपी पक्ष की एक ना चली और अदालत ने साफ किया कि गलती टैंकर चालक की थी और उसकी वजह से पीड़ित को जो नुकसान हुआ उसकी भरपायी आसान नहीं है. अदालत या आरोपी दोनों उस शख्स के पैरों को वापस नहीं कर सकते हैं. कुछ मुआवजे के जरिए उसके नुकसान को कम किया जा सकता है. अदालत ने कहा कि यह बात सच है कि पीड़ित को किसी तरह का फाइनेंसियल लॉस तो नहीं हुआ. लेकिन यह भी सच है कि उसकी कमाई की क्षमता पर असर पड़ा. अगर वो स्वस्थ होता तो अपने सर्विस पीरियड में और ग्रोथ करता. हालांकि एक्सीडेंट की वजह से उस पर प्रभाव पड़ा.


पेशाब करने के दौरान हादसा
पेशे से एफएमसीजी कंपनी में डीजेएम के पद पर तैनात पीड़ित अपने एक दोस्त के साथ मध्य प्रदेश के दतिया जा रहे थे. वो पेशाब करने के लिए ढाबे के पास रुके. गलत दिशा से आ रहे टैंकर ने उनको टक्कर मार दी और वो घायल हो गए थे. पीड़ित शख्स बताते हैं कि जब वो घायल हुए तो उन्हें पता नहीं चला कि क्या हुआ है. जब डॉक्टरों ने पैर काटना ही रास्ता बताया तो उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया. वो समझ नहीं पा रहे थे कि अब आगे क्या होगा. लेकिन अदालत की एक टिप्पणी उनके दिल को छू गई. दरअसल अदालत ने कहा था कि यह तो अच्छी बात है कि पीड़ित के प्रति उनके इंप्लायर ने सहानुभूति रखी. अगर वो ऐसा नहीं करता तो पीड़ित के सामने किस तरह की परेशानी होती. उसके बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगा सकते हैं.