मुंबई:  दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद माफिया डॉन छोटा राजन (Chhota Rajan) को जबरन वसूली (Extortion) मामले में 2 साल कैद की सजा सुनाई गई है. मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने छोटा राजन के साथ-साथ इस मामले में 3 अन्य आरोपियों को भी दोषी करार दिया. 


रियल एस्टेट एजेंट ने छोटा राजन से मांगी मदद


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पुलिस के मुताबिक वर्ष 2015 में बिल्डर नंदू वाजेकर (Chhota Rajan) ने पुणे में एक जमीन खरीदी थी. इसके एवज में एजेंट परमानंद ठक्कर  (कई मामलों में वांछित) को 2 करोड रुपए कमीशन के रूप में देना तय हुआ था. लेकिन परमानंद ठक्कर (Parmanand Thakkar) को और पैसे चाहिए थे, जो वाजेकर को मंजूर नहीं था. इसके बाद रियल एस्टेट में एजेंट का काम करने वाले ठक्कर ने छोटा राजन से संपर्क साधा और बिल्डर को धमका कर दो करोड़ से ज्यादा की रकम वसूलने के लिए कहा. 


छोटा राजन के आदमियों ने बिल्डर को धमकाया


छोटा राजन (Chhota Rajan) ने अपने आदमियों को नंदू वाजेकर के ऑफिस भेजा और उसे धमकी देना शुरू कर दिया. इन लोगों ने नंदू वाजेकर से 2 करोड़ के बदले 26 करोड़ मांगे और पैसे न दिए जाने पर जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद नंदू वाजेकर ने पनवेल पुलिस में इस बात की शिकायत की थी. उसकी कंप्लेंट के बाद पुलिस ने एक्सटॉर्शन (Extortion) का मामला दर्ज किया था.


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मुंबई पुलिस के पास घटना की सीसीटीवी फुटेज मौजूद


इस मामले में छोटा राजन (Chhota Rajan), सुरेश शिंदे, लक्ष्मण निकम उर्फ दादया और सुमित विजय मात्रे आरोपी थे. इस मामले में पुलिस परमानंद ठक्कर की तलाश कर रही है. पुलिस के पास बिल्डर के ऑफिस के सीसीटीवी फुटेज थी, जिनमे साफ दिखा कि आरोपी बिल्डर के ऑफिस गए थे. इसके साथ ही पुलिस के पास कॉल रिकॉर्डिंग भी मौजूद थी, जिसमें छोटा राजन बिल्डर को धमकी देता हुआ सुनाई दिया. 


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