Amit Shah: देश के गृहमंत्री अमित शाह से जमीअतुल उलमा ई हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की है. मुस्लिम संगठन ने मुसलमानों को लेकर देश में बने हालात को लेकर गृहमंत्री से चर्चा की. इस मुलाकात में मुस्लिम डेलीगेशन ने अपनी 14 मांगों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. यह मुलाकात देर रात हुई, जिसमें मीडिया से दूरी बनाई गई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुस्लिम डेलिगेशन इन मुद्दों पर पूछे सवाल


1-संप्रदायिक दंगे
2-देश में बढ़ती नफरत ही अभियान और इस्लामोफोबिया की रोकथाम
3-मीडिया के इस्लाम विरोधी रवैया पर अंकुश लगाने का उपाय
4-इस्लामी मदरसों की स्वतंत्रता और सुरक्षा
5-समान नागरिक संहिता
6-मॉब लिंचिंग
7-कर्नाटक में पसमांजा मुसलमानों को आरक्षण
8-वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के संरक्षण के उपाय
9-कश्मीर के मौजूदा हालात
10-असम में जबरदस्ती निष्कासन के सरकारी रवैए की निंदा और उनका पुनर्वास
11-मौलाना कलीम सिद्दीकी और दूसरे लोगों की रिहाई
12-समलैंगिक विवाह का मामला
13-तुर्की और सीरिया में आया भूकंप
14-सद्भावना मंच


अमित शाह से मुलाकात के दौरान मुस्लिम डेलिगेशन ने कहा कि आज हमारे देश में इस्लामोफोबिया और मुसलमानों के विरुद्ध नफरत और उकसावे की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. जिसके कारण देश की आर्थिक और व्यापारिक हानि के अलावा देश के शरीयत भी इससे मुतासिर हो रही है. इन हालात में हम देश की एकता और शोहरत को लेकर भारत सरकार का ध्यान अपनी तरफ लाना चाहते हैं. ताकि जिस तरह के हालात देश में खासकर मुस्लिम समुदाय के साथ हो रहा है, उस पर अंकुश लगाया जा सके.


डेलिगेशन ने सरकार और एजेंसियों से मांग की कि वह किसी भी औपचारिक शिकायत की प्रतीक्षा किए बिना घृणा फैलाने वालों के अस्सलाम खुद अपराधिक मामले दर्ज करें और आतंकवाद की रोकथाम की तरह कोई भी प्रभावी वॉच डॉग की व्यवस्था करें. ताकि ऐसी सामग्रियों को तत्काल हटाया जाए. ऐसे दल समूह और पैसों की पहचान की जाए जिसके द्वारा लगातार धार्मिक रूप से ऐसी भड़काऊ बयानबाजी छपिया दिखाई जा रही है. इसपर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए.
 
डेलिगेशन ने कहा कि कर्नाटक में पसमांदा मुसलमानों के लिए दिया जाने वाला आरक्षण समाप्त कर दिया गया. जो सरकार के इस दावे के विरुद्ध है कि सरकार 55 दाम मुसलमानों के उत्थान के लिए काम करेगी. जब प्रधानमंत्री ने यह ऐलान किया था, तब हमने अपने अधिवेशन में इसका स्वागत किया था. लेकिन आज जो कुछ कर्नाटक में किया गया, वह हम सबके लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए भी बहुत गलत है.


जिसके बाद गृहमंत्री ने अपने आप खुद आगे बढ़कर CAA और NRC को लेकर कहा कि जिस तरीके से यह कहा जाता है कि इन कानून के आने से मुसलमानों की नागरिकता खत्म हो जाएगी, आप एक पहल कीजिए कि आप अपने जितने भी एक्सपर्ट हैं और वकील हैं, उनको लेकर आइए. हम सामने बैठ कर बात करेंगे. वह मुझे बताएं कि किस तरीके से हिंदुस्तान के मुसलमानों की नागरिकता खत्म होगी इस कानून से.


गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जिस तरीके से कहा जा रहा है कि कर्नाटक में मुसलमानों का आरक्षण खत्म कर दिया गया है. वह सरासर गलत है. कर्नाटक में सिर्फ पसमांदा मुसलमानों के लिए दिए जाने वाले आरक्षण को समाप्त किया गया. उन्होंने कहा कि देश का गृहमंत्री होने के नाते मैं यह कहना चाहता हूं कि कर्नाटक में पसमांदा मुसलमानों का आरक्षण खत्म नहीं होगा.


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com- सबसे पहले, सबसे आगे