नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार से की ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
ग्रामीण इलाकों में मकानों की मरम्मत के बारे में उन्होंने कहा, `हमें उम्मीद है कि अगले छह महीने में पांच लाख मकानों का काम पूरा हो जायेगा.`
नई दिल्ली: लगभग हर साल प्राकृतिक आपदा का कहर झेल रहे ओडिशा के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग की है. तीन मई को आए विनाशकारी चक्रवाती तूफान फोनी के ओडिशा में तबाही मचाने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में पटनायक ने कहा कि ओडिशा में बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान को देखते हुए इसे विशेष राज्य का दर्जा मिलना जरूरी है.
उन्होंने अपने साक्षात्कार में कहा, 'केंद्र सरकार से यह हमारी मुख्य मांगों में से एक है. ओडिशा को अब लगभग हर साल कुदरत का कहर झेलना पड़ रहा है. केंद्र से मिलने वाली मदद से बुनियादी ढांचा अस्थायी तौर पर बहाल हो पाता है. हमें दीर्घकालिक काम के लिये राज्य के अपने कोष में से खर्च करना पड़ता है'.
उन्होंने कहा, 'अपने कोष में से खर्च करने पर हमारी अर्थव्यवस्था पर गहरा दबाव बनता है. इस वजह से ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा मिलना ही चाहिए. पिछले पांच साल में हमने फैलिन, हुडहुड, तितली और अब फोनी का सामना किया है. बाढ़ की गाज भी राज्य पर गिरी'.
पहली बार वर्ष 2000 में मुख्यमंत्री बने और अबकी बार लगातार पांचवें कार्यकाल पर नजरें टिकाये पटनायक ने कहा, 'हमारे यहां विकास की दर बहुत अच्छी रही है और सामाजिक आर्थिक सूचकांक पर हमने बेहतर प्रदर्शन किया है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने से राज्य में विकास की गति बढे़गी'.
यह पूछने पर कि क्या तबाही को देखते हुए फोनी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिये था, उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा मिलने से ही कई बाधायें दूर हो जायेंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के लिये एक हजार करोड़ रूपये की सहायता का ऐलान किया था. उन्होंने प्रभावी इलाकों का हवाई दौरा करने के बाद समय पर कार्रवाई करके लोगों की जानें बचाने के लिये पटनायक सरकार की तारीफ भी की थी. फोनी से 41 लोगों की मौत हुई है.
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह टीम वर्क है और बहुत बडे़ पैमाने पर कदम उठाने के लिये तकनीक ने हमारी काफी मदद की. मैं सभी को, खासकर अपने प्रदेशवासियों को उनके सहयोग के लिये धन्यवाद देता हूं'. उन्होंने स्वीकार किया कि तूफान की टाइमिंग और आम चुनाव उसी दौरान होने से सरकार के लिये चुनौतियां और गंभीर हो गई थीं.
72 वर्षीय मुख्यमंत्री ने कहा, 'निश्चित तौर पर सब कुछ एक साथ होने से मुश्किलें बढ़ गई. गर्मी के दिनों में आम तौर पर तूफान नहीं आता'. ओडिशा में अब तक अधिकतर चक्रवाती तूफान अक्टूबर से दिसंबर के बीच आए हैं. ओडिशा को फिर अपने पैरों पर ख़ड़े होने में कितना समय लगेगा, यह पूछने पर पटनायक ने कहा कि उनकी सरकार जल्दी से जल्दी ऐसा करने के पूरे प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा, 'हम अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. बिजली का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से ठप हो गया है, खासकर पुरी और खुर्दा जिले में, जहां हमें नये सिरे से प्रबंध करना होगा. इसके अलावा लाखों घर तबाह हो गए और उससे भी अधिक संख्या में पेड़ टूट गए'. पटनायक ने कहा, 'हमने पुरी में पाइपलाइन से जलापूर्ति 48 घंटे में और भुवनेश्वर में 72 घंटे में बहाल कर दी. बारह मई तक सिर्फ पुरी में बिजली संकट रह जायेगा यानी बाकी सब जगहों पर बिजली आ जायेगी'.
ग्रामीण इलाकों में मकानों की मरम्मत के बारे में उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि अगले छह महीने में पांच लाख मकानों का काम पूरा हो जायेगा. मानसून सीजन में बडे़ पैमाने पर वृक्षारोपण भी शुरू होगा'. विश्व बैंक, एडीबी जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मदद के सवाल पर पटनायक ने कहा कि यह संभावना हो सकती है. बीजू जनता दल के अध्यक्ष ने कहा, 'चक्रवात रोधी बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिये हम सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग शामिल है'.
एक सार्वजनिक बीमा कंपनी के आकलन के अनुसार, फोनी की वजह से ओडिशा को संपत्ति का करीब 3500 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है लेकिन पटनायक ने इस पर टिप्पणी से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'हम अपने आकलन का इंतजार कर रहे हैं'. राज्य के मुखिया होने के नाते इस आपदा से उन्होंने क्या सबक सीखा, यह पूछने पर उन्होंने कहा, 'यही, कि तैयार रहने से हमेशा मदद मिलती है और जिंदगियां बचाई जा सकती हैं'.