जम्मू: भारतीय वायु सेना के जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन धमाके में बड़ा खुलासा हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि इस ड्रोन हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने ढाई किलो RDX का इस्तेमाल किया था. इससे साफ होता है कि आतंकियों को मंसूबे बहुत ही खतरनाक थे और अगर ये ड्रोन निशान न चूकते तो भारी नुकसान हो सकता था.


हमले के पीछे लश्कर का हाथ!


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पाकिस्तान में मौजूद लश्कर ए तैयबा के आतंकियों ने एयरफोर्स स्टेशन पर बीती 27 जून को ड्रोन हमला किया था. ड्रोन के जरिए स्टेशन पर दो बम में गिराए गए थे जिनमें करीब 2.5 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था. फिलहालत NIA इस हमले की जांच में जुटी हुई है.


अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में हमले के पीछे लश्कर ए तैयबा का हाथ माना जा रहा है जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से मदद मिल रही थी. उन्होंने कहा कि जांच में सामने आया है कि सीमा पार से लगभग ढाई किलोग्राम विस्फोटक के साथ दो बमों को ड्रोन से भेजा गया था. जम्मू एयरफोर्स स्टेशन से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक की दूरी सिर्फ 14 किलोमीटर है.


ड्रोन से गिराए दो बम


अधिकारियों ने कहा कि घटनास्थल से नमूनों की जांच के बाद विस्फोट में आरडीएक्स के इस्तेमाल की पुष्टि हुई थी. उन्होंने कहा कि एक बम में डेढ़ किलोग्राम जबकि दूसरे में एक किलोग्राम आरडीएक्स था.


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बता दें कि जम्मू में हाई सिक्योरिटी वाले IAF स्टेशन पर 27 जून को लगातार दो ब्लास्ट हुए थे. अटैक में सैन्य सामान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन एक छत का हिस्सा गिर गया था. भारतीय वायुसेना और एनआईए साथ मिलकर इस हमले की जांच कर रही है.