Modi government: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि मोदी सरकार चीन को लेकर सरदार पटेल की नीति पर चल रही है. उन्होंने कहा कि भारत को चीन के साथ यथार्थवाद के आधार पर निपटना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के रिश्ते तीन आपसी समझ- सम्मान, संवेदनशीलता और हित पर आधारित होने चाहिए.


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न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा, 'शुरुआत से ही नेहरू और सरदार पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए इस मुद्दे पर तीव्र मतभेद रहा है. मोदी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल द्वारा शुरू की गई यथार्थवाद की धारा के अनुरूप काम कर रही है. हमने ऐसे रिश्ते बनाने की कोशिश की है जो आपसी संबंधों पर आधारित हों. जब तक उस पारस्परिकता को मान्यता नहीं दी जाती, इस रिश्ते का आगे बढ़ना मुश्किल होगा.'


 



भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधान मंत्री, सरदार पटेल और पहले प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू के दृष्टिकोण में अंतर को समझाते हुए, जयशंकर ने दोनों दिग्गजों के बीच मतभेद पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीट की जब बात आई, तो हमें आवश्यक रूप से सीट लेनी चाहिए थी या नहीं, यह एक अलग बहस है, लेकिन यह कहना कि हमें पहले चीन को यह जाने देनी चाहिए - चीन का हित पहले आना चाहिए, एक बहुत ही अजीब बयान है.'


पाकिस्तान पर कही यह बात
इसी बातचीत में विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार की रणनीति पर भी बात कही. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार से आतंकवाद का इस्तेमाल भारत पर बातचीत के लिए दबाव बनाने के लिए कर रहा है. ऐसा नहीं है कि हम अपने पड़ोसी के साथ बातचीत नहीं करेंगे, परन्तु हम उन शर्तों के आधार पर बातचीत नहीं करेंगे जो उन्होंने (पाकिस्तान) रखी हैं, जिसमें बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद की प्रथा को वैध और प्रभावी माना जाता है.'