Coronavirus: नेपाल को भारतीय टीकों पर भरोसा, Covishield के बाद अब Covaxin को दी मंजूरी
नेपाल ने कोरोना से निपटने के लिए अपने सदाबहार दोस्त चीन के बजाय भारत के टीकों पर ज्यादा भरोसा जताया है. उसने भारत की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) के बाद अब कोवैक्सीन (Covaxin) के आपातकालीन इस्तेमाल को भी मंजूरी दे दी है.
काठमांडू: नेपाल (Nepal) की ड्रग रेग्युलेटरी बॉडी ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए आपातकालीन इस्तेमाल के लिए भारत की कोवैक्सीन (Covaxin) को मंजूरी दे दी है. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक इंटरनेशनल ने बनाई है. नेपाल ने इसके इस्तेमाल को शुक्रवार को मंजूरी दी.
कोविशील्ड और साइनोफॉर्म वैक्सीन
बताते चलें कि नेपाल इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से विकसित कोविशील्ड (Covishield) और चीन की साइनोफॉर्म (Sinopharm) वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है. जनवरी में भारत से सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार कोविड वैक्सीन की दस लाख खुराकें मिलने के बाद नेपाल में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई. नेपाल ने रियायती दर पर कोविशील्ड वैक्सीन की दस लाख और टीकों की खरीददारी की.
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नेपाल की भारत से 10 लाख टीकों का इंतजार
नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि उन्हें कोविशील्ड (Covishield) के और दस लाख टीकों के मिलने का इंतजार है, लेकिन इसके पहुंचने के बारे में अभी कोई समय तय नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के करीब 26,000 लोगों पर लेट-स्टेज ट्रायल डेटा के विश्लेषण में कोवैक्सीन को 81 प्रतिशत प्रभावी बताया गया है.
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