राजकोट: राजकोट-भावनगर हाइवे पर महिका और ठेबछड़ा गांव के बीच गुरुवार को एक नवजात बच्ची लावारिश हालत में मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई. दो दिन पहले ही जन्मी बच्ची को उसकी मां ने गांव के बाहर फेंक दिया था. बच्ची की रोने की आवाज सुनकर गांव के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और उसे आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया. अब बच्चे की हालत स्थिर है. 


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जब लोग पास पहुंचे तो देखा कि कुत्ते बच्ची को मुंह में पकड़े हुए हैं. लोगों ने बच्ची को कुत्ते से छुड़ाया और तुरंत ही 108 एम्बुलेंस की टीम बुलाकर उसे अस्पताल में भर्ती कराया. एक तरफ जहां 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की बात देशभर में की जा रही है, वहीं राजकोट से ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. बच्ची के शरीर पर कई घाव थे जिसको देखकर किसी का कलेजा भी मुंह में आ जाए. लगता था कि धारदार हथियार से उसका शरीर छलनी किया गया है. हो सकता है कुत्ते ने दांत और नाखूनों से चीर डाला हो. 


गांव के लोगं ने तुरंत ही 108 एम्बुलेंस बुलाकर बच्ची को अस्पताल पहुंचाया. 108 एम्बुलेंस के EMT दिव्या बारड ने बताया कि कल तानी 27 फरवरी सुबह 8.30  बजे के समय एक कॉल आया जहा ठेबचडा गांव की सीमा में एक नवजात बच्ची के मिलने की जानकारी आई. जब 108 की टीम घटनास्थल पर पहुंची तो बच्ची की सांसे चल रही थीं, लेकिन दिल की धड़कन धीमी होने लगी थी. बच्ची को तुरंत ही कृत्रिम सास देना शुरू किया और बच्ची को हैलोजन की लाइट में रखकर प्राथमिक उपचार दिया गया. बच्ची को ज्यादा आगे के इलाज के लिए राजकोट के एक अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. अब बच्ची की हालत में सुधर हो रहा है.  


बच्ची को नया जीवनदान देने वाली दिव्या को गर्व के साथ इस बात का दुःख भी है कि बच्ची को उसकी मां ने मरने के लिए छोड़ दिय. खुशी है कि बच्ची अब खतरे से बाहर है. इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और बच्ची के बेरहम मां-बाप की तलाश कर रही है. पुलिस के साथ-साथ लोगों के मन में भी यही सवाल कौंध रहा है कि आखिर एक मां ने किस हालात की वजह से इस मासूम को फेंक दिया होगा.