मोटे खादी बुनाई के लिए नया चरखा पेश,बढ़ेगी कारीगरों की आमदनी
खादी और ग्रामोद्योग आयोग केवीआईसी ने मोटे खादी बुनाई के लिए छः और आठ स्पिंडल धुरी वाला चरखा पेश किया है
नई दिल्ली: खादी और ग्रामोद्योग आयोग केवीआईसी ने मोटे खादी बुनाई के लिए छः और आठ स्पिंडल धुरी वाला चरखा पेश किया है. सूक्ष्म, लघु एवं मंझौले उपक्रम मंत्री गिरिराज सिंह ने हाल ही में अहमदाबाद में नए चरखे का अनावरण किया. इस दौरान खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन वी के सक्सेना भी मौजूद रहें. छ: धुरी वाले चरखे का निर्माण अहमदाबाद की खादी प्रयोग समिति ने किया है. इसकी स्थापना खादी गतिविधियों में तकनीकी उन्नतिकरण के लिए 1958 में की गई थी. चरखा तकनीकी के विकास और शोध के लिए केवीआईसी ने जून में प्रयोग समिति को 15 लाख रुपये दिए थे.
विज्ञप्ति के मुताबिक, वर्तमान में मोटे खादी वाले धागे का उत्पादन पारंपरिक एकल-धुरी चरखे से होता है, जो प्रतिदिन केवल चार से पांच हेंक का उत्पादन कर सकता है. जिससे कारीगरों को बहुत कम आय होती है. आगे कहा गया है कि नए 6 और 8 धुरी वाला चरखा कम से कम 20 से 25 हेंक प्रतिदिन का उत्पादन करता है.
इससे कारीगरों की आय में वृद्धि होगी अर्थात वो प्रतिदिन 200 रुपये या इससे ज्यादा कमा सकते हैं.