असाधारण बहादुरी के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किए गए सेना चिकित्सा कोर के कैप्टन अंशुमन सिंह के माता-पिता ने अपना दुख बयान किया है. अभी 5 जुलाई को ही कीर्ति चक्र राष्‍ट्रपति भवन में उनकी पत्‍नी और मां को दिया गया था. उसके एक हफ्ते के भीतर ही परिवार में कलह उत्‍पन्‍न हो गई है. शहीद के माता-पिता ने कहा कि बहू घर से चली गई है. परमानेंट एड्रेस भी चेंज करवा लिया है. अब घर में बस बेटे की फोटो दीवार पर लगी है. मां ने कहा कि सेना में शहीद के परिवारों से जुड़े जो निकटतम परिजन (NOK) संबंधी नियम और परिभाषा है उसमें बदलाव की जरूरत है. अभी जो शहीद के निकटतम परिजन संबंधी व्‍याख्‍या है उसके मुताबिक अविवाहित शख्‍स के निकटतम परिजन माता पिता हैं और विवाहित व्‍यक्ति के लिए जीवनसाथी. 


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निकटतम परिजन (NOK) का क्‍या है आशय?
सेना में NOK को Next of Kin यानी निकटतम परिजन के रूप में परिभाषित किया गया है. ये शब्‍द किसी व्‍यक्ति के सबसे करीबी परिजन या रिश्‍तेदार के लिए कानूनी प्रतिनिधि या वारिस के लिए इस्‍तेमाल होता है. इसे आप बैंक में नामित व्‍यक्ति (नॉमिनी) के रूप में समझ सकते हैं. किसी व्‍यक्ति के नहीं रहने की स्थिति में सेना की तरफ से निर्धारित आर्थिक और कानूनी लाभ उसके इसी निकटतम परिजन को दिया जाता है. अगर सेना में किसी व्यक्ति के साथ कुछ हो जाता है, तो एक खास रकम (एक्स-ग्रेसिया) उसके NOK को दी जाती है. 


जब कोई कैडेट या अधिकारी सेना में शामिल होता है, तो उसके माता-पिता या अभिभावकों का नाम NOK में दर्ज किया जाता है. जब उस कैडेट या अधिकारी की शादी हो जाती है, तो सेना के नियमों के तहत उस व्यक्ति के माता-पिता के बजाय उसके जीवनसाथी का नाम उसके निकटतम रिश्तेदार के रूप में दर्ज किया जाता है. इसी में बदलाव की बात अंशुमन के माता-पिता ने की है. इसके अलावा भी ये मांग उठती रही है क्‍योंकि कई बार आर्थिक लाभ मिलने के बाद बहू के घर से जाने की स्थिति में मां-बाप एकदम असहाय और बेसहारा हो जाते हैं.  


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'मैं साधारण मौत नहीं मरूंगा'
कैप्टन सिंह की शहादत की कहानी भी आम नहीं है. कैप्टन सिंह पिछले वर्ष जुलाई में भीषण आग से लोगों को बचाते समय शहीद हो गये थे. अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर उन्होंने आग लगने की एक बड़ी घटना में कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी का परिचय दिया. कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी स्मृति ने अपने पति को याद करते हुए कहा था कि वह अक्सर कहा करते थे कि मैं साधारण मौत नहीं मरूंगा. मैं सीने पर गोली खाकर मरूंगा. 


स्मृति ने अपने पति को याद करते हुए बताया कि कैप्टन अंशुमन और उनके बीच 'पहली नजर में प्यार' हुआ और फिर आठ साल तक 'लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप' में रहने के बाद उन्होंने शादी की. स्मृति ने सिंह के साथ बिताए हुए प्यारे पलों को याद करते हुए कहा, 'हम इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन मिले थे. एक तरह से यह पहली नजर का प्यार था. एक महीने बाद अंशुमन का सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में चयन हो गया. वह बहुत मेधावी थे. सिर्फ एक महीने की मुलाकात के बाद हम आठ साल 'लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप' में रहे.' 


स्मृति ने कहा, 'फिर हमने शादी करने का फैसला किया लेकिन विवाह के दो महीने के भीतर ही उनकी तैनाती सियाचिन में हो गई. मैंने अंशुमन से 18 जुलाई, 2023 को बहुत देर तक फोन पर बात की. इस दौरान हमने अगले 50 साल की योजना, अपना एक घर बनाने, बच्चों को जन्म देने और भी बहुत सारी बातें कीं, लेकिन अगले दिन जब मैं सो कर उठी तो मुझे फोन आया कि वह अब नहीं रहे.' उन्होंने कहा कि वह आज तक इस गम से उबर नहीं पाई हैं.