Maharashtra Legistlative Council Election: बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने नौ उम्मीदवार उतारे हैं और उसके 200 से ज्यादा विधायक हैं, जबकि 66 विधायकों वाली एमवीए के पास अपने तीनों उम्मीदवारों को चुनने के लिए जरूरी वोट 69 से तीन कम हैं. यानी क्रॉस वोटिंग यदि हो गई तो किसी की भी जीत और हार हो सकती है.
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महाराष्ट्र में दो साल बाद फिर वही 'खेल' हो रहा है जिसके बाद उस वक्त उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी. मतलब ये कि महाराष्ट्र में उस वक्त द्विवार्षिक विधान परिषद के चुनाव थे और कांग्रेस के नेता चंद्रकांत हंदोड़ अप्रत्याशित रूप से हार गए थे. उसके कुछ समय बाद उद्धव ठाकरे के नेृतत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिर गई क्योंकि शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी...उसके बाद क्या हुआ ये आप सबको पता है.
दो साल बाद फिर वैसा ही मौका है लेकिन अबकी बार सत्ता में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन सरकार की साख दांव पर लगी है. शुक्रवार (12 जुलाई) को महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. विपक्षी एमवीए ने तीन प्रत्याशी खड़े किए हैं और यदि उनको सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों का थोड़ा भी सहारा मिल गया तो 'खेला' हो सकता है. बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने नौ उम्मीदवार उतारे हैं और उसके 200 से ज्यादा विधायक हैं, जबकि 66 विधायकों वाली एमवीए के पास अपने तीनों उम्मीदवारों को चुनने के लिए जरूरी वोट 69 से तीन कम हैं. यानी क्रॉस वोटिंग यदि हो गई तो किसी की भी जीत और हार हो सकती है. शिवसेना-बीजेपी-एनसीपी सत्तारूढ़ गठबंधन इस खतरे को समझ रहा है और इसको रोकने के लिए उसने ऐसे प्रबंध भी किए हैं. उलटफेर होने के चांस इसलिए भी अधिक हैं क्योंकि तीन महीने के बाद ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और टिकट के चक्कर में खेला हो सकता है. इसलिए ही महायुति ने अपने विधायकों को होटलों में रखा और डिनर बैठकें की. वहीं विपक्ष की तरफ से उद्धव ठाकरे ने ऐसा किया. चुनाव में 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. शुक्रवार सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक वोटिंग होगी. शाम 5 बजे से वोटों की गिनती होगी.
क्रॉस वोटिंग का डर, होटलों में ठहराए गए विधायक
शिवसेना-बीजेपी-एनसीपी (सत्ता पक्ष यानी महायुति) का दांव
उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने अपने विधायकों को हवाई अड्डे के पास एक पांच-सितारा होटल में ठहराया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के विधायक बुधवार सुबह बैठक के लिए विधान भवन में जमा हुए और फिर बांद्रा के एक पांच-सितारा होटल में चले गए. भाजपा विधायक दल की एक बैठक बुधवार रात को विधान भवन परिसर में हुई और पार्टी विधायक वहां से एक पांच-सितारा होटल चले गए.
भाजपा ने पांच प्रत्याशियों-- पंकजा मुंडे, योगेश तिलकर, परिणय फूके, अमित गोरखे, सदाभाउ खोट तथा उसकी सहयोगी शिवसेना ने दो प्रत्याशियों - पूर्व लोकसभा सदस्य कृपाल तुमाने और भावना गवली को चुनाव मैदान में उतारा है. एनसीपी ने शिवाजीराव गरजे और राजेश वितेकर को टिकट दिया है.
विपक्ष की रणनीति (शिवसेना यूबीटी, कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी यानी एमवीए)
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात मध्य मुंबई के एक पांच-सितारा होटल में अपने विधायकों के साथ रात्रिभोज पर बातचीत की. पार्टी के 11 विधायकों ने रात्रिभोज में भाग लिया और वे होटल में ही ठहरे. गुरुवार को बाकी चार विधायक भी उनके साथ शामिल हो गए.
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल कांग्रेस के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने अपनी पार्टी के विधायकों के लिए गुरुवार को मुंबई के एक होटल में डिनर बैठक आयोजित की. कांग्रेस ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर पार्टी के निर्देश के मुताबिक वोट करने को कहा है. कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट द्वारा जारी निर्देश के अनुसार पार्टी के सभी विधायकों के लिए एमवीए उम्मीदवारों को वोट देना अनिवार्य है.
एमवीए में शामिल शरद पवार की एनसीपी (एसपी) ने अपने विधायकों पर भरोसा जताया और अन्य दलों की तरह उन्हें होटलों में नहीं भेजा.
क्या कहता है गणित?
विधानपरिषद के 11 सदस्य 27 जुलाई को छह साल का अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. इनमें अविभाजित शिवसेना की मनीषा कायंदे और अनिल परब, कांग्रेस की पी सातव और वजाहत मिर्जा, अविभाजित एनसीपी के अब्दुल्ला दुर्रानी, भाजपा के विजय गिरकर, निलय नाइक, रमेश पाटिल, रामराव पाटिल, राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) के महादेव जानकर और पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के जयंत पाटिल शामिल हैं.
राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा ही विधानपरिषद के इस चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल है. फिलहाल विधानसभा की प्रभावी संख्या 274 है. हर विजयी प्रत्याशी को प्रथम वरीयता के 23 मत हासिल करने होंगे.
विधानसभा में भाजपा 103 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है वहीं शिवेसना के पास 38, एनसीपी के पास 42, कांग्रेस के पास 37, शिवसेना (यूबीटी) के पास 15 और एनसीपी (एसपी) के पास 10 सदस्य हैं.
सदन में अन्य दलों में बहुजन विकास आघडी के तीन, समाजवादी पार्टी के दो, एआईएमआईएम एवं प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो-दो, मनसे, माकपा, स्वाभिमानी पक्ष, जनसुराज्य शक्ति पार्टी, आरएसपी, क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष और पीडब्ल्यूपी के एक-एक सदस्य हैं. इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायक भी हैं.