नई दिल्‍ली: जम्‍मू-कश्‍मीर के अवंतिपुरा इलाके में स्थिति सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमला करने वाले जैश-ए-मोहम्‍मद के एक आतंकी को नेशनल इन्‍वेस्‍टीगेशन एजेंसी ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आतंकी की पहचान फैयाज अहमद के रूप में हुई है. आरोप आतंकी फैयाज अहमद मूल से पुलवामा जिले के अवंतिपुरा पुलिस स्‍टेशन के अंतर्गत आने वाले लेथपोरा इलाके का रहने वाला है. एनआईए के अनुसार गिरफ्तार आतंकी फैयाज को जल्‍द जम्‍मू स्थिति एनआईए की स्‍पेशल कोर्ट में पेश करके पुलिस कस्‍टडी की मांग की जाएगी. जिससे आतंकियों की विभिन्‍न साजिशों का खुलासा किया जा सके. 


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31 दिसंबर 2017 को तीन आतंकियों ने किया था हमला 
एनआईए के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, 30-31 दिसंबर 2017 की रात्रि तीन आतंकियों ने लेथपोरा स्थिति सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमला किया गया था. इस आतंकी हमले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी.  एनआईए ने अपनी जांच में पाया था कि इस आतंकी हमले की वारदात को जैश-ए-मोहम्‍मद के तीन आतंकियों ने अंजाम दिया था. एनआईए ने इन तीनों आतंकियों की पहचान फरदीन अहमद, मंजूर बाबा और अब्‍दुल शकूर के रूप में की थी. 


आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 5 जवान हुए थे शहीद 
एनआईए के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, अचानक हुए इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 5 जवान शहीद हो गए थे, जबकि तीन जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में तीनों आतंकियों को मार गिराया गया था. मामले की जांच के दौरान पता चला था कि मारे गए तीन आतंकियों में दो आतंकी फरदीन और मंजूर बाबा पुलवामा के रहने वाले थे, जबकि तीसरा आतंकी अब्‍दुल शकूर पाकिस्‍तानी नागरिक था.


आतंकी हमले का मुख्‍य साजिशकर्ता था फयाज 
एनआईए के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर पर हुए आतंकी हमले के मुख्‍य साजिशकर्ताओं में आरोपी अहमद भी शामिल था. उन्‍होंने बताया कि फयाज जैश-ए-मोहम्‍मद के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर के तौर पर काम करता था. फयाज ने सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर पर हमला करने आए आतंकियों को न केवल रहने का ठिकाना उपलब्‍ध कराया था, बल्कि उनको हमले के लिए सभी तरह के लॉजेस्टिक सपोर्ट भी उपलब्‍ध कराए थे. 
 
2001 में गिरफ्तार हो चुका है फयाज 
एनआईए के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, फयाज को पहले भी 2001 में गिरफ्तार किया जा चुका है. 2001 में जम्‍मू और कश्‍मीर पुलिस ने उसे पुलिस सेफ्टी एक्‍ट के तहत गिरफ्तार किया था. जिसके बाद वह करीब 16 महीनों तक पुलिस की हिरासत में रहा था.