मुंबई : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीमों ने शनिवार को इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के प्रमुख कार्यालय सहित 12 परिसरों में छापेमारी कर इलेक्ट्रानिक उपकरणों के भंडारण सहित 12 लाख रुपया नकदी और दस्तावेज, फाइल बरामद किया। एजेंसी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि एनआईए ने आईआरएफ के संस्थापक, अध्यक्ष और विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक और उनके सहयोगियों के खिलाफ शत्रुता को बढ़ावा देने और अपने सार्वजनिक भाषणों और विभिन्न मंचों पर व्याख्यानों के जरिए धार्मिक समूहों के बीच घृणा फैलाने का मामला दर्ज किया है।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आईआरएफ को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के कुछ ही दिनों बाद एनआईए की यह कार्रवाई सामने आई है।


ढाका कैफे हमले में शामिल आतंकवादियों में से एक ने कथित रूप से सोशल मीडिया पर लिखा था कि वे नाइक के भाषणों से प्रभावित हुए थे, जिसके बाद आईआरएफ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के जांच के दायरे में आ गया था। इस साल की शुरूआत में इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के इरादे से मुंबई उपनगर से अपना घर छोड़कर गए कुछ युवक भी कथित रूप से प्रचारक से प्रेरित थे।


गिरफ्तारी से बचने के इरादे से देश से बाहर रह रहे नाइक के भाषणों पर मलेशिया और ब्रिटेन समेत कनाडा में भी प्रतिबंध लगाया गया है। गृह मंत्रालय को आतंकवाद का प्रचार करने वाले अंतरराष्ट्रीय इस्लामी चैनल ‘पीस टीवी’ से एनजीओ के कथित संदिग्ध संपर्कों पता चला था।


गृह मंत्रालय के मुताबिक आईआरएफ के प्रमुख नाइक ने कथित तौर पर कई भड़काउ भाषण दिए और वह आतंकवाद के प्रचार में भी शामिल रहा।


महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवाओं को कथित रूप से कट्टरपंथ की ओर धकेलने और उन्हें लालच देकर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए नाइक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।


नाइक ने ‘‘आपत्तिजनक’’ कार्यक्रमों के निर्माण के लिए आईआरएफ के विदेशी कोष से ‘पीस टीवी’ को पैसा भेजा था। इन कार्यक्रमों को भारत में बनाया गया और इनमें नाइक के कथित भड़काउ भाषण थे। ‘पीस टीवी’ पर प्रसारित अपने इन भाषणांे में नाइक ने कथित रूप से ‘‘सभी मुस्लिमों से आतंकवादी बनने’’ को कहा था।


नाइक द्वारा संचालित एक शैक्षणिक न्यास के विदेशी धन लेने पर पहले ही रोक लगा दी गई है और एजेंसियां उसकी गतिविधियों की जांच कर रही हैं।



आईआरएफ पर आरोप हैं उसे विदेशों से मिले चंदे का पॉलिटिकल यूज, धर्मांतरण के लिए इन्सपायर करने और टेरेरिज्म फैलाने के लिए यूज किया गया।आरोपों में घिरने के बाद होम मिनिस्ट्री ने आईआरएफ को मिलने वाले चंदे के सोर्स का पता लगाने का ऑर्डर दिया था।


केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने जाकिर नाइक की स्पीच की सीडी की जांच के ऑर्डर दिए थे। जाकिर ने एमबीबीएस किया है। नाइक एक मुस्लिम धर्मगुरु, राइटर और स्पीकर है। इसके अलावा वो इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन या आईआरएस का फाउंडर और प्रेसिडेंट है। यह फाउंडेशन पीस टीवी चैनल भी चलाता है।