Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस के खतरे से स्कूल बंद; ये इलाके बने कंटेनमेंट जोन; ऐसे हैं सुरक्षा इंतजाम
Npah news: केरल में निपाह वायरस ने पैर पसार लिए हैं जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. इसके बाद तीन जिलों में अलर्ट जारी किया गया और 7 ग्राम पंचायतों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है.
Nipah virus Kerala schools closed: उत्तरी केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के संक्रमण के मद्देनजर सभी शैक्षिक संस्थानों में दो दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं. गुरुवार और शुक्रवार को सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है. छुट्टी का अधिकारिक ऐलान कोझिकोड की डीएम ए गीता ने किया है. जिलाधिकारी ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में लिखा, 'छात्रों के लिए शैक्षिक संस्थान फिलहाल दो दिनों तक ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था कर सकते हैं. विश्वविद्यालयों की परीक्षा सारणी में कोई परिवर्तन नहीं होगा.'
निपाह की चपेट में 76!
केरल में निपाह वायरस का संक्रमण फैल रहा है. बुधवार को 24 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी वायरस से संक्रमित पाया गया. यह केरल में संक्रमण का पांचवा मामला है. इस बीच, कोझिकोड में निपाह वायरस के संक्रमण को देखते हुए पड़ोसी जिले वायनाड में 24 घंटे का नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया था कि इस खतरे को लेकर उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आने वाले सभी 76 लोगों की हालत स्थिर बनी हुई है.
पूरे केरल में संक्रमण के फैलने का खतरा
वायनाड जिला प्रशासन ने 15 कोर समितियों का गठन किया है जो संक्रमण के रोकथाम एवं निगरानी गतिविधियों का नेतृत्व करते हुए आपातकालीन स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने का कार्य करेंगी. सरकार ने बताया कि राज्य में मिले वायरस का स्वरूप बांग्लादेश में मौजूद वायरस के स्वरूप से मिलता जुलता है जो मानव से मानव में फैलता है और इसकी मृत्यु दर अधिक है. हालांकि यह वायरस कम संक्रामक है.
सरकार ने बताया कि अन्य 13 लोगों में मध्यम लक्षण देखे गए हैं जिन्हें अस्पताल में निगरानी में रखा गया है. संक्रमितों में से केवल नौ वर्षीय बच्चे को गहन चिकित्सा देखभाल इकाई में रखा गया है.
कंटेनमेंट जोन में आईसीयू की जरूरत
सरकार ने बताया कि बच्चे के इलाज के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मांगा गया है. यह निपाह वायरस संक्रमण के लिए एकमात्र उपलब्ध एंटी-वायरल उपचार है लेकिन यह अब तक चिकित्सकीय रूप से सिद्ध नहीं हुआ है.
मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस के संक्रमण के मद्देनजर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक का भी आयोजन हुआ. जॉर्ज ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति का गहन विश्लेषण किया गया. उन्होंने कहा, ‘हम इस निष्कर्ण पर पहुंचे हैं कि संक्रमण की रोकथाम के लिए संभावित उपाय मौजूद हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है.’
मंत्री ने यह भी बताया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और ICMR के अध्ययनों से सामने आया है कि केवल कोझिकोड ही नहीं बल्कि पूरे केरल राज्य में इस तरह के संक्रमण के फैलने का खतरा है.
जॉर्ज के अनुसार, वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक सावधानी बरतनी होगी क्योंकि निपाह वायरस का नवीनतम मामला वन क्षेत्र के 5 किलोमीटर के भीतर सामने आया था.
कोझिकोड जिले में मंगलवार को घोषित वार्ड के अलावा चार और वार्ड - विल्यापल्ली पंचायत में तीन तथा पुरमेरी पंचायत में एक वार्ड को कल निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया.
कोझिकोड प्रशासन ने बीमारी की गंभीर प्रकृति को देखते हुए मंगलवार को सात ग्राम पंचायतों अतानचेरी, मारुथोंकारा, तिरुवल्लुर, कुट्टियाडी, कयाक्कोडी, विल्यापल्ली और कविलुम्परा को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया था.
(इनपुट: पीटीआई भाषा)