राफेल मुद्दे पर सीतारमण का कांग्रेस पर हमला, कहा- `देश को गुमराह कर रहे हैं राहुल गांधी`
उन्होंने कहा कि एचएएल को 2014 से लेकर 2018 के बीच करीब 26 हजार करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट दिया जा चुका है और करीब 73 हजार करोड़ के कॉन्टैक्ट पर काम हो रहा है.
नई दिल्ली : लोकसभा में सोमवार को एक बार फिर फ्रांस से खरीदे जाने वाले लड़ाकू विमान राफेल का मुद्दा उठा. इस पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा 'मैंने जो सदन में कहा था वो सही था. राहुल गांधी इस मामले में देश को गुमराह कर रहे हैं.'
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि सरकार ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ करार किया है. उन्होंने कहा 'HAL को 1 लाख का कॉन्ट्रैक्ट देने वाला मेरा बयान सही है. कुछ लोग इस मामले पर गुमराह कर रहे हैं. एचएएल को 2014 से लेकर 2018 के बीच करीब 26 हजार करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट दिया जा चुका है और करीब 73 हजार करोड़ के कॉन्टैक्ट पर काम हो रहा है.'
बता दें कि एचएएल कॉन्ट्रैक्ट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि रक्षामंत्री सदन में अपने बयान के समर्थन में या तो दस्तावेज पेश करें या इस्तीफा दें. उनके सवाल पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में तीखा हमला करते हुए सदन में कहा था कि कृपया करके पूरी रिपोर्ट पढ़ें. लोकसभा के रिकॉर्ड में ये बात पूरी तरह से है कि ये ऑर्डर अब तक साइन नहीं किए गए हैं. इन पर काम चल रहा है.
रक्षामंत्री सीतारमन ने एक पत्र ट्वीट करते हुए लिखा कि ये शर्म की बात है कि कांग्रेस के अध्यक्ष पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं. 2014 से 2018 के बीच एचएएल के साथ 26570.8 करोड़ के कॉन्ट्रेक्ट साइन किए गए. 73000 करोड़ के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं. क्या अब राहुल गांधी संसद में देश से माफी मांगेंगे.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार को कहा था कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में राफेल करार पर 'झूठ' का 'विस्तृत जवाब' दिया है. दोनों ने लोगों के सामने तथ्य रखे. पीएम मोदी ने अनंतपुरामू, कडपा, कुरनूल, नरसरावपेट और तिरुपति लोकसभा क्षेत्रों के बीजेपी कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों की तारीफ की थी.
पिछले हफ्ते लोकसभा में राफेल करार पर चर्चा की तरफ इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, ''निर्मला सीतारमण और अरुण जेटली ने संसद में देश की सुरक्षा से जुड़े सारे तथ्य रखे. उन्होंने हर एक झूठ का जवाब तथ्यों एवं आंकड़ों के साथ दिया. कई साल बाद संसद ने सरकार का इतना विस्तृत जवाब देखा.''