Jharkhand Politics: झारखंड में संभावित 'गेम' होने से रोकने के लिए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पूरी ताकत झोंक दी है. पहले उन्होंने ट्वीट कर सीएम हेमंत सोरेन की प्लानिंग पर पानी डाला और अब वह चुनाव आयोग तक अपनी बात पहुंचा आए. जी हां, दुबे ने चुनाव आयोग को भेजे पत्र में भी बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले का जिक्र किया है. इसके आधार पर ही वह कई दिनों से कह रहे हैं कि उपचुनाव के लिए खाली कराई गई गांडेय सीट पर चुनाव हो ही नहीं सकता है. पत्र के दूसरे पैरे में उन्होंने ऐक्ट के हवाले से कहा है कि कोर्ट ने फैसले में कहा था कि अगर खाली सीट पर सदस्य का कार्यकाल एक साल से कम बचता है तो उपचुनाव नहीं हो सकते. 


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क्या उपचुनाव की है तैयारी


दरअसल, जिस तरह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बार-बार ईडी के सामने पेश नहीं हो रहे उससे अंदरखाने आशंका जताई जा रही है कि कोई सख्त कार्रवाई की जा सकती है. हां, जैसे दिल्ली में AAP को सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का डर सता रहा है, वैसी ही बातें रांची में भी हो रही हैं. इस बीच, एक विधायक का इस्तीफा हुआ तो कहा जाने लगा कि सोरेन ने पत्नी को सीएम बनाने की पटकथा तैयार कर ली है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे तुरंत एक्टिव हुए और मुंबई हाई कोर्ट का यह फैसला ढूंढ लाए जिसके आधार पर उन्होंने उपचुनाव की संभावना पर ही ब्रेक लगा दिया. 


शिबू सोरेन चुनाव लड़ेंगे?


अब भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को भेजे पत्र की प्रति शेयर करते हुए डॉ. निशिकांत दुबे ने लिखा, 'मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के इस्तीफा देने के बाद उनकी पत्नी कल्पना जी या पिता आदरणीय शिबू सोरेन जी या खुद हेमंत सोरेन जी उपचुनाव के लिए खाली कराई गई सीट गांडेय से विधायक नहीं बन सकते क्योंकि मुम्बई हाईकोर्ट के काटोल विधानसभा उपचुनाव के निर्णय के अनुसार 1 साल से कम की समय सीमा में चुनाव नहीं हो सकता.'



भाजपा सांसद ने आगे यह भी कहा है कि इसी कारण जुलाई 2021 में भाजपा के उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी को इस्तीफा देना पड़ा था. उन्होंने कहा, 'झारखंड को लूटने से बचाने का संकल्प मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर अनुरोध किया.'