Nitin Gadkari: मोदी सरकार के जिस मंत्री की होती है सबसे ज्यादा तारीफ, उनके मंत्रालय का सामने आया रिपोर्ट कार्ड
Highway Project Delayed: सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road transport and highways) के प्रोजेक्ट सबसे ज्यादा लेट चल रहे हैं. ये खबर इसलिए चौंकाने वाली है क्योंकि ये मंत्रालय नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के पास है और हमेशा से उनके मंत्रालय के काम की सबसे ज्यादा तारीफ होती है.
Railway Project Delayed: पीटीआई के खबर के मुताबिक, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के 248 प्रोजेक्ट लेट चल रहे हैं. वहीं दूसरे नंबर पर रेलवे मंत्रालय है जिसके 116 प्रोजेक्ट में देरी हुई है. आपको बता दें कि सड़क परिवहन मंत्रालय का पोर्टफोलियो नितिन गडकरी के पास है. देरी से चल रहे प्रोजेक्ट की लिस्ट में इस मंत्रालय का नाम होना, कई लोगों को चौंका भी सकता है. क्योंकि प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द खत्म करने में उनकी कई बार तारीफ हो चुकी है. यहां तक की विपक्ष के नेता भी कई बार इस बात को स्वीकार कर लेते हैं. ऐसे में इस मंत्रालय के प्रोजेक्ट में देरी होने से कई सवाल मन में उठ रहे हैं.
लेट काम करने में ये मिनिस्ट्री कतार में
अगस्त 2022 में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से संबंधित रिपोर्ट के मुताबिक, रोड़ ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्ट्री के 831 में से 248 प्रोजेक्ट्स देरी से चल रहे हैं. इसके बाद रेलवे मंत्रालय में 173 में से 116 प्रोजेक्ट्स डिले और पेट्रोलियम मिनिस्ट्री की 139 में से 88 परियोजनाएं पीछे चल रही हैं.
IPMD करता है प्रोजेक्ट्स की निगरानी
इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग डिवीजन (IPMD) केंद्र सरकार के ऐसे प्रोजेक्ट्स की निगरानी रखता है. जिसमें 150 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की लागत आती है. IPMD प्रोजेक्ट कार्यान्वयन एजेंसियों से ऑनलाइन कंप्यूटर निगरानी प्रणाली (OCMS) के माध्यम से पता लगाता है कि प्रोजेक्ट की क्या स्थिती है? आपको बता दें कि IPMD मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन के तहत काम करता है.
48 हजार करोड़ रुपये ज्यादा लागत
इस रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को 831 प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 4,92,741.89 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली थी. प्रोजेक्ट में देरी होने की वजह से इन परियोजना पर अब 5,40,815.51 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. देरी की वजह से लगभग 48 हजार करोड़ रुपये ज्यादा लागत आएगी. यानी सरकार को लगभग 10 फीसदी ज्यादा भुगतान करना होगा.
रेलवे में 66 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
इसी तरह रेलवे के 173 प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 3,72,761.45 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली थी. प्रोजेक्ट में देरी होने की वजह से इन परियोजना पर अब 6,19,569.99 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. यानी इन प्रोजेक्ट में देरी की वजह से रेलवे को अब 66.2 प्रतिशत ज्यादा खर्च करना होगा.
पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के प्रोजेक्ट भी देरी से
पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के 139 प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए कैबिनेट ने 3,66,013.55 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 3,86,263.94 करोड़ रुपये करना होगा. यानी इसमें 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
इनपुट: पीटीआई
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