BJP New Parliamentary Board: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार जेपी नड्डा ने पार्टी में फैसला लेने वाली सबसे ताकतवर और सर्वोच्च संस्था बीजेपी संसदीय बोर्ड और चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाने वाली ताकतवर केंद्रीय चुनाव समिति के नए सदस्यों के नाम की घोषणा कर ही दी. लेकिन नड्डा की इस लिस्ट ने सबको चौंका दिया है. बीजेपी अध्यक्ष ने पार्टी के मोदी सरकार में वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी के साथ-साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड के साथ ही केंद्रीय चुनाव समिति से भी बाहर कर सबको चौंका दिया है. गडकरी और शिवराज संसदीय बोर्ड के सदस्य होने के नाते केंद्रीय चुनाव समिति के भी सदस्य थे और इसलिए बोर्ड से छुट्टी होने के साथ ही दोनों नेता चुनाव समिति से भी बाहर हो गए हैं.


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संघ के करीबी हैं गडकरी


नितिन गडकरी को संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति, दोनों से बाहर करते हुए नड्डा ने देवेंद्र फडणवीस को केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल कर उनका कद बढ़ा दिया है. दिलचस्प बात यह है कि RSS का मुख्यालय नागपुर में ही है. गडकरी और फडणवीस दोनों ही संघ के बहुत करीबी नेता माने जाते हैं. ऐसे में बीजेपी आलाकमान का यह फैसला लोगों को काफी चौंका रहा है और इसे लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं.


गडकरी सरकार में टॉप परफॉर्मर


गडकरी को मोदी सरकार का टॉप परफॉर्मर मंत्री माना जाता है. विपक्षी पार्टियों के नेता भी खुलकर संसद के अंदर और बाहर गडकरी के कामकाज की तारीफ करते नजर आते हैं. बीजेपी शासित राज्यों के अलावा विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री भी सार्वजनिक रूप से कई बार गडकरी की तारीफ कर चुके हैं. गडकरी संघ के करीबी नेता हैं और एक जमाने में संघ ने ही उन्हें नागपुर से बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर दिल्ली भेजा था ताकि गडकरी बीजेपी को जकड़ कर बैठे दिल्ली गुट के नेताओं से मुक्त कर पार्टी को हार से उबार कर जीत की राह पर लाएं और गडकरी ने बहुत हद तक ऐसा किया भी.


हालांकि बीजेपी के सूत्र इस बदलाव को विविधता और पार्टी की सांगठनिक ताकत का प्रतीक बताते हुए यह दावा कर रहे हैं कि नया संसदीय बोर्ड यह दिखाता है कि पार्टी अपने पुराने कार्यकतार्ओं को कैसे इनाम देती है और उनके अनुभव का सम्मान करती है.


इन नेताओं को दिया सम्मान


बीजेपी के एक नेता ने कहा कि बी एस येदियुरप्पा , सत्यनारायण जटिया और के. लक्ष्मण जैसे कार्यकर्ताओं ने पार्टी को अपना जीवन समर्पित कर दिया. पार्टी के विस्तार में शुरू से ईंट-पत्थर के तौर पर नींव का काम किया है. सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था में इन नेताओं का आना इस बात को दिखाता है कि पार्टी अपने सम्मानित कार्यकतार्ओं को कैसे महत्व देती है.


कैसा है नया संसदीय बोर्ड


नए संसदीय बोर्ड को विविधता पर जोर देने का प्रतीक बताते हुए बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि संसदीय बोर्ड में शामिल किए गए सबार्नंद सोनोवाल पूर्वोत्तर भारत से और बी एस येदियुरप्पा और के. लक्ष्मण दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते हैं. इकबाल सिंह लालपुरा सिख हैं. अपनी मेहनत के बल पर नेता बनी सुधा यादव के पति करगिल में शहीद हो गए थे और उनको संसदीय बोर्ड में शामिल करना महिलाओं और सशस्त्र बलों के परिवारों के प्रति सर्वोच्च सम्मान की बीजेपी की भावना को दर्शाता है.


बोर्ड और समिति में कौन से नेता हुए शामिल


पार्टी के अध्यक्ष होने के नाते जेपी नड्डा 11 सदस्यीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बने हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, बी एस येदियुरप्पा, सबार्नंद सोनोवाल, के.लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव और सत्यनारायण जटिया को सदस्य के तौर पर संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है. राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष संसदीय बोर्ड के सचिव के तौर पर शामिल हैं.


नड्डा ने चुनावों में टिकट बंटवारे पर मुहर लगाने वाली केंद्रीय चुनाव समिति का भी पुनर्गठन कर दिया है. पार्टी की 15 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति में भी नड्डा अध्यक्ष के तौर पर रहेंगे. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, बीएस येदियुरप्पा, सबार्नंद सोनोवाल, के.लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, भूपेन्द्र यादव, देवेन्द्र फडणवीस, ओम माथुर, और वनथी श्रीनिवासन (पदेन) को इसमें सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है. पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष चुनाव समिति में भी सचिव के तौर पर शामिल किए गए हैं.


(IANS के इनपुट के साथ)

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