नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से यहां मुलाकात की, जिससे किशोर के फिर से जदयू (JDU) में आने को लेकर अटकलें शुरू हो गईं. आपको बता दें कि किशोर को 2020 में जदयू से बाहर कर दिया गया था. हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने इस बैठक को यह कहते हुए अधिक महत्व नहीं दिया कि उनके संबंध पुराने हैं और इस बैठक के अधिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए.


पार्टी से हुआ था निष्कासन


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किसी समय कुमार के करीबी रहे किशोर जदयू में शामिल हो गए थे और बिहार के मुख्यमंत्री ने उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. हालांकि, उनके संबंधों में खटास आ गई और प्रशांत किशोर ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर सहयोगी बीजेपी को नीतीश कुमार के समर्थन की आलोचना करते हुए उन पर निशाना साधा था. जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित यानी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.


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कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुके PK


जहां एक ओर कुमार BJP के सहयोगी बने हुए हैं, वहीं किशोर पार्टी के एक मुखर आलोचक हैं और कई राज्यों में उसके प्रतिद्वंद्वियों के लिए काम किया है. किशोर ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ काम किया था.


नीतीश की मुलाकात पर इसलिए उठ रहे सियासी सवाल


पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. जिसे देखते हुए प्रशांत किशोंर और नीतीश की मुलाकात को बेहद खास माना जा रहा है. भले ही नीतीश कुमार ने इस मुलाकात को खास मानने से इनकार कर रहे हों लेकिन राजनीति में हर छोटी छोटी मुलाकात का बड़ा मतलब होता है.


(भाषा इनपुट के साथ)


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