भारत और चीन के बीच अब कैसे हैं रिश्ते? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुद दी जानकारी
Advertisement
trendingNow11103008

भारत और चीन के बीच अब कैसे हैं रिश्ते? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुद दी जानकारी

India-China Relation Update: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने शनिवार को कहा कि चीन द्वारा सीमा समझौतों का उल्लंघन करने के बाद उसके साथ भारत के संबंध 'बेहद कठिन दौर' से गुजर रहे हैं.

फाइल फोटो

म्यूनिख: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि भारत-चीन रिश्ते (India-China Relation) बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे हैं. जयशंकर ने ये भी कहा कि 'सीमा की स्थिति संबंधों की स्थिति का निर्धारण करेगी.' विदेश मंत्री ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (MSC) 2022 परिचर्चा को संबोधित करते हुए ये बयान दिया है. इसी दौरान पश्चिमी देशों के साथ भारत के रिश्तों को लेकर जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी देशों के साथ भारत के संबंध जून 2020 से पहले भी काफी अच्छे थे और आज भी उसमें कोई दिक्कत नहीं है.

  1. चीन के साथ रिश्ते नाजुक दौर में
  2. सीमा विवाद पर बोले विदेश मंत्री
  3. जयशंकर का MSC समिट में संबोधन

चीन ने समझौते का उल्लंघन किया: जयशंकर

जयशंकर ने सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में पैनल डिस्कशन के दौरान कहा कि भारत को चीन से एक समस्या है. समस्या ये कि 45 वर्षों तक भारत-चीन सीमा पर शांति थी. 1975 के बाद वहां किसी सैनिक की जान नहीं गई थी. यह सब इसलिए था कि हमारे बीच सैन्य समझौते थे. लेकिन चीन ने उन समझौतों का उल्लंघन किया. जयशंकर ने कहा कि सीमा पर जैसी स्थिति होगी, दोनों के बीच वैसे ही संबंध होंगे, यह स्वाभाविक है. स्पष्ट है कि चीन के साथ संबंध इस वक्त बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन पर हमले की आशंका से दुनिया खौफजदा? अमेरिका ने रूस को दी ये बड़ी चेतावनी

 

हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा

पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था और दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे अपने सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ा दी थी. 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में एक हिंसक झड़प के बाद तनाव बढ़ गया था. जयशंकर ने एमएससी में हिंद-प्रशांत पर एक परिचर्चा में भाग लिया, जिसका उद्देश्य यूक्रेन को लेकर नाटो देशों और रूस के बीच बढ़ते तनाव पर व्यापक चर्चा करना है.

हिंद-प्रशांत के हालात को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इंडो-पैसिफिक और ट्रान्स अटलांटिक में स्थितियां वास्तव में समान हैं. यह अनुमान लगाना ठीक नहीं होगा कि प्रशांत क्षेत्र में अगर कोई देश कुछ कार्रवाई करता है तो बदले में आप भी वही करेंगे. मुझे नहीं लगता कि अंतरराष्ट्रीय संबंध इस तरह से काम करते हैं. अगर ऐसा होता तो बहुत सी यूरोपीय ताकतें हिंद-प्रशांत में आक्रामक रुख अपना चुकी होतीं, लेकिन 2009 के बाद से ऐसा नहीं हुआ है.

 

(भाषा इनपुट के साथ)

LIVE TV

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news