Nitish Kumar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश पर इस समय सबसे अधिक राजनीतिक हमले तीन लोग कर रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि ये तीनों कभी नीतीश के बेहद करीब रहे थे. ये तीन नाम हैं- संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके आरसीपी सिंह और जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके प्रशांत किशोर नीतीश कुमार.


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उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच 35 साल पुराना रिश्ता कई उतार चढ़ावों से गुजरा रहा है. फिलहाल नीतीश के लिए सबसे बड़ी मुश्किल कुशवाहा ही खड़ी कर रहे हैं. वह अभी जदयू में ही बने हुए हैं लेकिन उनके बागी तेवर रोज तल्ख होते जा रहे हैं.  कुशवाहा यहां तक कह रहे हैं कि वह जदयू से ऐसे बाहर नहीं जाएंगे बल्कि उन्हें पार्टी में बंटवारा चाहिए, हक चाहिए. वैसे उनकी बीजेपी में जाने की अटकलें लगती रहती हैं.


आरसीपी सिंह
नीतीश कुमार जब केंद्र में मंत्री थे तब आरसीपी सिंह उनके मुख्य सचिव थे तभी से वह नीतीश खास बन गए थे इतने की आगे चलकर उन्हें जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी मिल गई. तब यह माना जाता था नीतीश हर काम आरसीपी की सलाह पर ही करते हैं. लेकिन आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बनने के विवाद में ऐसे उलझे कि नीतीश कुमार से उनके रिश्तों में दरार पड़ गई. उन्हें जदयू से बाहर जाना पड़ गया. अब आरसीपी सिंह के निशाने पर नीतीश कुमार हैं वह पूरे बिहार में यह कहते हुए घूम रहे हैं कि नीतीश कुमार के 17 साल में बिहार में कोई बड़ा काम नहीं हुआ.


पीके
2015 में नीतीश कुमार के लिए चुनाव की रणनीति बना चुके प्रशांत किशोर नीतीश कुमार को ऐसे पसंद आए कि उन्हें चुनावी रणनीतिकार और फिर जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया. लेकिन पीके और नीतीश का साथ ज्यादा नहीं चल सका. दरअसल, प्रशांत किशोर ने युवाओं की एक सभा में यह कह दिया कि वे सीएम-पीएम बनवाते हैं तो मुखिया-सरपंच क्यों नहीं बनवा सकते. इसके बाद जदयू में हंगामा मच गया. पार्टी के नेताओं ने इसे नीतीश कुमार की छवि के अनुरुप नहीं माना. यह विवाद इतना बड़ा की पीके को पार्टी से बाहर जाना पड़ा. फिलहाल वह बिहार में जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं और नीतीश कुमार पर तीखे तीखे से राजनीतिक हमल कर रहे हैं.


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