नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने शनिवार (19 सितंबर) को कहा कि रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने सैन्य कैंटीन (military canteens) में केवल 'मेड इन इंडिया' (Made in India) प्रोडक्ट्स की बिक्री पर कोई फैसला नहीं लिया है. इस संबंध में राज्य सभा में एक सवाल का जवाब देते हुए रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक (Shripad Naik) ने जानकारी दी. 


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श्रीपाद नाइक ने राज्य सभा में कहा कि इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. वह एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता और 'वोकल फॉर लोकल' पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने स्टोर में केवल 'मेड इन इंडिया'  (Made in India) उत्पादों के उपयोग और बिक्री पर विचार कर रहे हैं? 


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मई में राष्ट्र के नाम एक संबोधन में पीएम मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' पर ध्यान देने की आवश्यकता पर विस्तार से बात की थी और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के बड़े उद्देश्य के साथ भारत में बने उत्पादों को बढ़ावा देने का आह्वान किया था.


मंत्री नाइक ने मेड इंडिया प्रोडक्ट्स की बिक्री के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि 2017-18 में रक्षा कैंटीन का कुल कारोबार (total turnover) 17,190 करोड़ रुपये था और यह 2018-19 में 18,917 करोड़ रुपये का था. जबकि 2019-20 में कुल कारोबार 17,588 रुपये था और चालू वित्त वर्ष में यह आंकड़ा अगस्त तक 3,692 करोड़ रुपये रहा है.


नाइक ने आगे बताया सरकार ने 37 एयरफील्ड (airfield) के आधुनिकीकरण (Modernization) के लिए एक प्राइवेट कंपनी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने कहा कि एयरफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर (airfield infrastructure) के आधुनिकीकरण से रात में संचालन सहित खराब मौसम की स्थिति में परिचालन की सुविधा के मामले में क्षमता में वृद्धि होगी.


एनरॉउट नेविगेशन इंफ्रास्ट्रक्चर (enroute navigation infrastructure) को बढ़ाया है और ट्रैफिक हैंडलिंग क्षमताओं को बढ़ाया है. एक और सवाल के जवाब में नाइक ने कहा कि देश में 86 सैन्य एयरबेस (military airbases) काम कर रहे हैं.