नई दिल्ली : मानसून सत्र के अंतिम दिनों में भी संसद में गतिरोध खत्म होने के आसार नहीं हैं क्योंकि कांग्रेस ने रविवार को ललित मोदी और व्यापम मुद्दों पर अपने रुख में किसी ढिलाई के कोई संकेत नहीं दिए और ‘अपशब्दों की राजनीति’ के लिए भाजपा की आलोचना की।


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सत्तारूढ़ पार्टी ने भी कांग्रेस पर यह कहते हुए अपने हमले की धार तेज कर दी कि इसने सत्र के दौरान ‘बाधाकारी और विध्वंसक’ भूमिका निभाई है क्योंकि यह ‘राजनीतिक रूप से दिवालिया’ हो गई है।


कांग्रेस के वे 25 लोकसभा सदस्य कल सदन में लौटेंगे जिन्हें अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उद्दंड व्यवहार के लिए पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया था। हालांकि कांग्रेस नेता इन सवालों से बचते नजर आए कि क्या सांसद सदन में दोबारा तख्तियां दिखाएंगे।


केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कांग्रेस से अपील की कि वह सत्र के शेष चार दिनों में संसद को कामकाज करने दे। उन्होंने कहा कि सरकार गतिरोध को तोड़ने के लिए किसी भी उचित परामर्श पर विचार करने को तैयार है।


हालांकि विपक्ष पर उनकी इस अपील का असर नहीं हुआ।


नायडू ने चेन्नई में कहा, ‘वहां आठ अन्य महत्वपूर्ण विधेयक हैं, चार विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुके हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी समझेगी। देखते हैं (कल) क्या होने जा रहा है। मैं चाहता हूं कि सोमवार, सोमवार ही रहे तथा मैं यह नहीं चाहता कि सोमवार, रविवार बन जाए।’ उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें (कांग्रेस को) कह चुका हूं। चर्चा होने दीजिए। यहां तक कि कांग्रेस सांसदों का निलंबन निरस्त भी किया जा सकता था। लेकिन कोई जवाब नहीं आया । यदि अब भी कोई उचित परामर्श आता है तो सरकार परामर्श पर विचार करने की इच्छा रखती है।’


विपक्षी दल ने सरकार से कहा है कि वह भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ‘अपशब्दों की राजनीति’ को स्वीकार नहीं करते।


कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां कहा, ‘हम, कांग्रेसजन, इसे पूरी तरह खारिज करते हैं तथा मोदी सरकार से विनम्रतापूर्वक कहना चाहते हैं कि अपशब्दों की राजनीति भारत में कभी भी आम सहमति और रचनात्मकता की जगह नहीं ले सकती।’ विपक्ष ललित मोदी विवाद पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा व्यापम घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है जिससे ससंद की कार्यवाही बाधित हुई है।


सांसदों के निलंबन के खिलाफ कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया था। सोनिया गांधी के साथ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा कि राहुल ‘जमीनी हकीकत से मीलों दूर’ हैं। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संसद को अपनी ‘संकीर्ण राजनीतिक सोच’ प्रदर्शित करने का ‘मंच’ बना दिया है।