पटना: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसान 2 महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) हिंसक हो गया था. इस बीच हिंसक प्रदर्शन को लेकर बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और पुलिस ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है.


बिहार पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश


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बिहार पुलिस (Bihar Police) मुख्यालय ने चरित्र सत्यापन को लेकर एक नया आदेश जारी किया है. इसके तहत अगर कोई व्यक्ति सड़क जाम और विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसके खिलाफ पुलिस चार्जशीट दाखिल कर देती है. ऐसे शख्स को सरकारी नौकरी में योगदान करने के काबिल नहीं माना जाएगा. इसके साथ ही वह किसी भी तरह के सरकारी ठेके में भी भाग नहीं ले पाएगा.


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विपक्ष ने इस फैसले पर उठाया सवाल


बिहार के डीजीपी एसके सिंघल द्वारा जारी इस आदेश के बाद विपक्ष बिहार सरकार पर हमलावर हो गया है. बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को घेरते हुए ट्वीट किया, 'मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते हैं, अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी. मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे. बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है?'