CBSE 10वीं कक्षा की गणित की परीक्षा दोबारा नहीं होगी
इससे पहले बीते सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीएसई से सवाल किया था कि अगर वह 10वीं की गणित की पुन: परीक्षा करवाना चाहता है, तो उसकी योजना क्या है?
नई दिल्ली : सरकार ने फैसला किया है कि दसवीं कक्षा की गणित की दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को इसकी घोषणा की. जानकारी के अनुसार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि पेपर लीक का मामला सिर्फ दिल्ली-एनसीआर का है, इसलिए इस मामले की जांच की जाएगी फिर किसी नतीजे पर पहुंचा जाएगा. इससे पहले सीबीएसई ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ती है तो जुलाई के महीने में फिर से परीक्षा होगी और हरियाणा-दिल्ली के छात्रों को इसके लिए बैठना होगा.
बच्चों पर पहले ही बोर्ड परीक्षा का दवाब
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि कथित रूप से लीक हुए सीबीएसई के 10वीं कक्षा के गणित के पेपर को दोबारा आयोजित नहीं की जएंगी. उन्होंने कहा कि बोर्ड पेपर्स के लिए पहले ही छात्रों में भारी दवाब रहता है, इसलिए बोर्ड ने फैसला किया है दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा समेत देश के तमाम राज्यों में दोबारा परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा.
इससे पहले डीएनए ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा था कि, सीबीएसई ने विश्लेषण के बाद पाया कि दोबारा परीक्षा करने की जरूरत नहीं है, जोकि दसवीं कक्षा के 16 लाख से अधिक छात्रों के लिए राहत की खबर है. इस संबंध में मंत्रालय के जल्द ही एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी करने की उम्मीद है.
इससे पहले बीते सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीएसई से सवाल किया था कि अगर वह 10वीं की गणित की पुन: परीक्षा करवाना चाहता है, तो उसकी योजना क्या है? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीएसई से कहा कि वह 10वीं की गणित की संभावित पुन: परीक्षा कराने की योजना से उसे अवगत कराए. सीबीएसई ने अदालत को सूचित किया था कि वह नये सिरे से परीक्षा की तिथि घोषित करने से पहले लीक की गंभीरता और व्यापकता का आकलन कर रहा है.
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अदालत ने सीबीएसई की 12वीं के अर्थशास्त्र और 10वीं के गणित का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग करने वाली याचिका पर सीबीएसई और केन्द्र से जवाब भी मांगा है. संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने सीबीएसई से पूछा कि वह कैसे पुन: परीक्षा के लिए जुलाई तक इंतजार कर सकता है और विद्यार्थियों को यूं अधर में लटकाए रह सकता है. अदालत ने कहा कि इससे ना सिर्फ विद्यार्थियों का शैक्षणिक वर्ष बर्बाद होगा बल्कि यह 'उनके सिर पर नंगी तलवार लटकते रहने जैसा है.'
सीबीएसई ने कहा कि उसने 10वीं की गणित की पुन: परीक्षा करवाने पर अभी तक फैसला नहीं लिया है. वह अभी आंकलन कर रही है कि पर्चा पूरे देश में लीक हुआ था या सिर्फ दिल्ली और हरियाणा में. अदालत ने दलीलें सुनने के बाद सीबीएसई से कहा कि वह इस संबंध में फैसला करे और 16 अप्रैल तक उसे सूचित करे. पीठ ने कहा कि 10वीं कक्षा भी विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके परीक्षा परिणाम से ही तय होता है कि 11वीं और 12वीं में वह किस विषय की पढ़ाई करेंगे.
दरअसल, अदालत के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई थी और पीठ उसी पर सुनवाई कर रही थी. गैर सरकारी संगठन सोशल ज्यूरिस्ट की ओर से दायर याचिका में 10वीं की गणित की पुन: परीक्षा जुलाई की बजाए अप्रैल में करवाने की भी मांग की गई है. इसके अलावा अधिवक्ता अशोक अग्रवाल की ओर से दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि अर्थशास्त्र और गणित की पुन: परीक्षाओं में बच्चों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में नरमी बरती जाए.