Shrikant Tyagi Bail: दो महीने बाद जेल से रिहा होगा नोएडा का गालीबाज श्रीकांत त्यागी, हाईकोर्ट ने मंजूर की जमानत
Shrikant Tyagi: श्रीकांत त्यागी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. कोर्ट ने श्रीकांत त्यागी को जेल से रिहा करने के आदेश दिए हैं.
Allahabad High Court: नोएडा के गालीबाज नेता श्रीकांत त्यागी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो महीने बाद श्रीकांत त्यागी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. हाईकोर्ट ने श्रीकांत त्यागी को जमानत पर जेल से रिहा किए जाने के आदेश दिए हैं. जमानत के बाद परिवार ने मिठाई खिलाकर खुशी मनाई.
दो महीने बाद मिली जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में श्रीकांत त्यागी को दो महीने बाद जमानत दी. जस्टिस सुरेंद्र सिंह की सिंगल बेंच ने श्रीकांत त्यागी की जमानत मंजूर की. श्रीकांत त्यागी की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज ही सुनवाई पूरी हुई थी. आज की सुनवाई में यूपी सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल किया था. यूपी सरकार के जवाब पर श्रीकांत त्यागी की तरफ से भी दलीलें पेश की गई थीं.
गैंगस्टर एक्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत मंजूर
यूपी सरकार की तरफ से आज कोर्ट में श्रीकांत त्यागी की क्रिमिनल हिस्ट्री और गैंग चार्ट पेश किया गया था. श्रीकांत त्यागी की तरफ से दलील दी गई कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. जो भी मुकदमे दर्ज हैं वह दुर्भावना से प्रेरित हैं. महिला से बदसलूकी मामले के तूल पकड़ने के बाद श्रीकांत त्यागी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी केस दर्ज किया गया था. श्रीकांत त्यागी ने गैंगस्टर के मुकदमे में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी. त्यागी को 3 मुकदमों में सेशन कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी थी.
पत्नी अन्नू त्यागी ने जताई खुशी
श्रीकांत त्यागी की जमानत के बाद परिवार ने मिठाई खिलाकर खुशी मनाई. उनकी पत्नी अन्नु त्यागी ने नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि वो अपने पति का स्वागत दिपावली मनाकर करेंगी. उन्होंने सभी सोसायटी वासियों को हैप्पी दिवाली भी कहा और बातों ही बातों में सांसद महेश पर भी निशाना साधा. साथ ही उन्होंने त्यागी समाज को शुक्रिया कहा.
गौरतलब है कि करीब दो महीने पहले एक महिला से बदसलूकी के मामले में श्रीकांत त्यागी जेल में बंद है. हाईकोर्ट में श्रीकांत त्यागी की तरफ से सीनियर एडवोकेट जीएस चतुर्वेदी और अधिवक्ता अमृता राय मिश्रा और आलोक रंजन मिश्रा ने पक्ष रखा.
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