नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर इस वक्त बड़ी खबर आ रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री के बीच बातचीत हुई थी. ये बातचीत 5 जुलाई को हुई थी और दो घंटे तक चली थी. बातचीत में सीमा पर तनाव कम करने पर चर्चा हुई. दोनों देश भविष्य में शांतिपूर्ण माहौल बनाने पर सहमत हुए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विदेश मंत्रालय ने कहा दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर खत्म करने की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए. इसके अलावा दोनों पक्षों को भारत-चीन सीमाओं पर चरणबद्ध तरीके से टकराव को कम करना चाहिए. दोनों देशों के प्रतिनिधि इस बात पर भी राजी हुए हैं कि दोनों पक्षों को भारत-चीन सीमा में शांति बनाए रखने वाले नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए. बातचीत के दौरान दोनों पक्ष सख्ती से एलएसी का सम्मान करने पर भी राजी हुए हैं. इसके साथ ही भविष्य में सीमा पर शांति भंग करने या किसी भी घटना से बचने के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमति बनी है.


दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों के बीच राजनयिक और सैन्य अधिकारियों की चर्चा बरकार रखने पर भी सहमति बनी है. जिसमें भारत-चीन सीमा मामलों (WMCC) पर बातचीत और तालमेल शामिल है. बातचीत के दौरान दोनों देश इस बात पर भी राजी हुए हैं कि द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार, भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और यथास्थिति बनाए रखने के लिए बातचीत जारी रखेंगे.


 


इसी बीच, लद्दाख में भारत के सख्त रुख के आगे चीन को झुकना पड़ा है. सूत्रों के मुताबिक गलवान घाटी में चीन के सैनिक पीछे हटने शुरू हो गए हैं. गाड़ियां, बख्तरबंद गाड़ियां वापस जा रही हैं. चीन के सैनिक गलवान, हॉटस्परिंग, गोगरा में जाते दिखे हैं. पीपी 14 से टेंट हटाते भी दिखे हैं. इसी जगह पर 15 जून को भारत और चीन के बीच खूनी झड़प हुई थी. इस खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. चीन के 40 से ज्यादा जवान मारे गए थे. 


VIDEO भी देखें-