NSA Ajit Doval in IICC: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने कहा है कि आधुनिक भारत की इमारत समान अधिकारों, समान अवसरों और समान जिम्मेदारियों के सिद्धांतों पर बनी है और भारत में कोई भी धर्म खतरे में नहीं है. अजीत डोभाल ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और लोकतंत्रों की जननी और  विविधता की भूमि है. भारत संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं का मिश्रण है. इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर (IICC) के एक कार्यक्रम में बोलते हुए अजीत डोभाल ने कहा है कि एक समावेशी लोकतंत्र के रूप में, भारत अपने सभी नागरिकों को उनकी धार्मिक, जातीय या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना स्थान प्रदान करने में सफलतापूर्वक कामयाब रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कुरान देता है विविध पृष्ठभूमि के लोगों के बीच एकता पर जोर: डोभाल


एनएसए अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने कहा, 'भारतीय मुस्लिम आबादी इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के लगभग 33 सदस्यीय देशों की संयुक्त आबादी के लगभग बराबर है.' डोभाल ने कहा कि पवित्र कुरान विविध पृष्ठभूमि के लोगों के बीच एकता और समझ के महत्व पर जोर देता है. कुरान का संदेश आपसी परिचय और पहचान को सुगम बनाता है. भारत उस समय सूफी पुनर्जागरण का पोषण कर रहा था जब बगदाद के पतन के बाद इस्लाम खतरे में था. हमारी सीमाओं के भीतर सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने और परे सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए, भारत लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है - व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ लड़ाई - जो उग्रवाद, नशीले पदार्थों और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं.


आतंकवाद को नष्ट करने के प्रयास में जुटा भारत: अजीत डोभाल


अजीत डोभाल ने कहा कि भारत भी कई दशकों तक आतंकवाद का शिकार रहा है. आतंक के खिलाफ युद्ध में, गंभीर उकसावों के बावजूद भी भारत ने दृढ़ता से कानून के शासन, अपने नागरिकों के अधिकारों और मानवीय मूल्यों और अधिकारों की सुरक्षा को बरकरार रखा है. उन्होंने कहा, 'भारत एक बेहद जिम्मेदार शक्ति है, लेकिन जब आतंकवादियों के पनाहगाहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत महसूस हुई, तो हम अपने राष्ट्रीय हित में आतंकवाद को नष्ट करने के लिए हर संभव प्रयास में जुट गए हैं.' 


अजीत डोभाल ने कहा  कि हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं, यह अब युद्ध का युग नहीं है. मानवता की भलाई के लिए भविष्य की लड़ाई भूख, गरीबी, अज्ञानता और अभाव के खिलाफ लड़नी होगी. आज की दुनिया में, हमारे सामने जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों के साथ, शांति और सद्भाव के युग की शुरुआत करने के लिए धर्म को मानवता के लिए एक प्रेरक प्रकाश बनना होगा. हमारे मतभेदों को पीछे छोड़ना होगा.


हिंदू बाहुल्य होने के बावजूद, भारत के धर्मनिरपेक्ष देश: डॉक्टर अल-इसा


पांच दिनों की यात्रा पर पहली बार मंगलवार को भारत पहुंचे मुस्लिम वर्ल्ड लीग के सेक्रेटरी जनरल डॉक्टर अल-इसा (Al-Issa) ने दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा है कि भारत के मुस्लिमों को हिंदुस्तानी होने पर गर्व है. उन्होंने आगे कहा कि भारत भले ही हिंदू बाहुल्य देश हो लेकिन इसके बावजूद भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और भारत पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा उदाहरण है की किस तरह अलग अलग धर्म मानने वाले लोग एक साथ प्यार मुहब्बत से रहते हैं.


डॉक्टर अल-इसा (Al-Issa) ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को भारतीय होने पर गर्व है. हिंदू बहुसंख्यक राष्ट्र होने के बावजूद भारत में एक धर्मनिरपेक्ष संविधान है. भारत पूरी दुनिया के लिए सह-अस्तित्व का एक महान मॉडल है. भारत पूरी दुनिया के लिए सह-अस्तित्व का एक महान मॉडल है. डॉक्टर अल-इसा ने भारत में विविधता में एकता पर कहा कि विविधता में एकता ही आगे बढ़ने का रास्ता है. सहिष्णुता को हमारे जीवन का हिस्सा बनने की जरूरत है. मुस्लिम वर्ल्ड लीग दुनिया की विभिन्न संस्कृतियों के साथ गठबंधन है. हिंदू समुदाय में मेरे कई मित्र हैं. हम आस्थाओं के बीच समझ को मजबूत करना चाहते हैं मैं सद्गुरु और श्री श्री रविशंकर का गहरा सम्मान करता हूं. कई हिंदू नेताओं के साथ हमारे कई समान मूल्य हैं और हम मतभेदों. का सम्मान करते हैं.