नई दिल्ली : भारतीय रेल (Indian Railway) को देश की जीवन रेखा (Life Line) कहा जाता है. इस कड़ी में रेलवे ने एक बार फिर मानवीय चेहरा दिखाते हुए अभूतपूर्व फैसला लिया. पश्चिम रेलवे ने एक किडनैप हुई बच्ची को बचाने के लिए अपनी एक्सप्रेस ट्रेन को ललितपुर से भोपाल तक करीब 200 किलोमीटर नॉन स्टॉप दौड़ाया.


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रेलमंत्री ने साझा की डिटेल
ऑपरेशन कामयाब होने के बाद खुद रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर मामले की जानकारी दी.



पिता ने किया था अगवा
मासूम बच्ची की किडनैपिंग किसी और ने नहीं बल्कि उसके पिता ने की थी. जानकारी के मुताबिक बेटी को उठा कर ले जाने आरोपी ललितपुर रेलवे स्टेशन (Lalitpur Railway Station) के पास रहता है. उसकी अपनी पत्नी से नहीं बनती इसलिए उसे सबक सिखाने के लिए आरोपी पिता ने ये कदम उठाया था. 


घरेलू झगड़े में पिसी बच्ची
पुलिस के मुताबिक अपनी ही बेटी को अगवा करने वाले इस शख्स का अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था. इसके बाद उसने अपनी तीन साल की बेटी को सोते समय चुपके से उठाया और घर से बाहर निकल गया. 


पुलिस प्रशासन का फैसला
मामले का खुलासा होते ही मासूम की पड़ताल तेज हुई. संबंधित एजेंसियों ने आनन-फानन में तालमेल बिठाते हुए रणनीति बनाई और समय रहते बच्ची को आजाद करा लिया. जांच के शुरुआती दौर में जब CCTV फुटेज खंगाली गई तो पता चला कि एक बच्ची के साथ एक आदमी राप्ती सागर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (Rapti Sagar Superfast) में ललितपुर से सवार हो कर भोपाल निकल रहा था. 


पुलिस ने रेलवे से ट्रेन को नॉन स्टॉप चलाने का निवेदन किया कि, ताकि आरोपी बीच रास्ते में उतर कर फरार न हो सके. जैसे ही ट्रेन भोपाल पहुंची तो  पुलिस ने बच्ची को रेस्क्यू करने के बाद पिता को हिरासत में ले लिया. 


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