नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार सुर्खियों की वजह बना है विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे छात्र का लापता होना. मुकुल जैन नाम का ये छात्र विश्वविद्यालय में लाइफ साइंस विषय से पीएचडी कर रहा है. पुलिस का कहना है कि ये छात्र 8 जनवरी से लापता है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुकुल के लापता होने के पीछे किसी तरह की साजिश फिलहाल नजर नहीं आ रही हैं.


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इससे पहले गायब हुआ था नजीब
जेएनयू कैंपस से छात्रों के लापता होने का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले 15 अक्तूबर 2016 को नजीब नाम का छात्र जेएनयू छात्रावास से लापता हो गया था.नजीब अहमद के लापता होने से एक रात पहले उसकी एबीवीपी से जुड़े कुछ छात्रों के साथ कथित तौर पर बहस हुई थी. नजीब अहमद के गायब होने के मामले के काफी तूल पकड़ा था. 


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हाई कोर्ट पहुंची थी मां


नजीब अहमद के लापता होने के बाद उसकी मां और बहन से दिल्ली हाई कोर्ट में गुहार लगाई थी. इस मामले को सुलझाने और लापता छात्र का पता लगाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने ये मामला सीबीआई को सौंपा था. 8 अगस्त 2016 को दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति चंद्र शेखर की पीठ सीबीआई को फटकार लगाई थी. पीछ ने कहा था, ‘इसमें कुछ नया नहीं है. 


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नहीं चला नजीब का कोई पता
पीठ ने कहा, ‘‘हमने मजाक करने के लिए सीबीआई के पास मामला हस्तांतरित नहीं किया है.’’ उसने कहा कि 17 जुलाई की रिपोर्ट दिखाती है कि एजेंसी ने केवल ‘‘दिखावे के लिए कदम’’ उठाए हैं. पीठ ने कहा कि वह ‘‘अन्य की कीमत पर ’’ सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करती है. उसने सीबीआई से कहा, ‘‘इसे आज सूचीबद्ध करने का मतलब क्या था? केवल यह कहना कि रिपोर्ट दायर कर दी गई है?’’ पीठ ने सुनवाई के दौरान सीबीआई से पूछा कि छात्र के लापता होने से पहले की रात उसे पीटने के आरोपियों के साथ पूछताछ में क्या हुआ. हालांकि तमाम कोशिशों के बाद भी नजीब अहमद का पता पुलिस और एजेंसी नहीं लगा पाई थी और अब एक और छात्र लापता हो गया है.