One Nation One Election News: यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं, तो चुनाव आयोग (EC) को नई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें खरीदने के लिए हर 15 साल बाद लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी. EC ने केंद्र सरकार को सूचित किया है कि हर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का जीवनकाल 15 साल होता है. इस तरह 'एक देश एक चुनाव' की स्थिति में एक EVM का इस्तेमाल तीन चुनावों के लिए ही किया जा सकेगा.


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आयोग की चुनौतियां


EC का अनुमान है कि लोकसभा चुनाव के लिए लगभग 11.80 लाख मतदान केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता है. ईसीआई (ECI) सूत्रों ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव भी एक साथ होते हैं तो उस स्थिति में अधिक EVM की जरूरत होगी. सूत्रों ने कहा कि हर पोलिंग बूथ पर EVM के कम से कम दो सेट की आवश्यकता होगी. एक लोकसभा के लिए और दूसरा विधानसभा के लिए.


EC ने पिछले साल फरवरी में केंद्रीय कानून मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा था कि नियंत्रण इकाइयों (CU), मतपत्र इकाइयों (BU) और मतदाता-सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) की बढ़ी हुई संख्या की भी जरूरत पड़ेगी. एक सवाल के जवाब में EC ने कानून मंत्रालय को बताया कि 2023 में ईवीएम की अस्थायी लागत 7,900 रुपये प्रति BU; 9,800 रुपये प्रति CU; और 16 हजार रुपये प्रति यूनिट VVPAT थी.


कहां तक पहुंची सरकार?


केंद्र सरकार ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. संदर्भ की शर्तों के अनुसार, समिति को स्थायी आधार पर एक साथ चुनाव कराने के लिए उचित कानूनी और प्रशासनिक ढांचे के निर्माण, संविधान और संबंधित चुनाव कानूनों में आवश्यक संशोधनों की पहचान करने, आम मतदाता सूची तैयार करने, लॉजिस्टिक्स जैसे ईवीएम/वीवीपीएटी आदि के लिए सिफारिशें करने के लिए कहा गया है.


हाल ही में उच्च स्तरीय समिति ने आम जनता से सुझाव आमंत्रित करने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है. समिति ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए यह पहल की गई है.


(इनपुट: आईएएनएस)