Mayawati Nephew Wedding: मायावती के भतीजे की शादी में किस दल के नेता को मिला बुलावा? जवाब जानकर होगी हैरानी
Mayawati Nephew Akash Anand Wedding: आकाश के होने वाले ससुर सिद्धार्थ को बसपा प्रमुख मायावती का करीबी माना जाता है. कहा जाता है कि मायावती के कहने पर ही सिद्धार्थ ने डॉक्टरी का पेशा छोड़ दिया था और पार्टी में सक्रिय हो गए थे. इसके बाद वो एमएलसी बने, राज्यसभा भी भेजे गए.
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती (Mayawati) के भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) की होने वाली शादी इन दिनों मेहमानों की लिस्ट की वजह से चर्चा में है. चर्चा इसलिए है क्योंकि इस शादी के लिए किसी भी दूसरे पार्टी के नेता को निमंत्रण नहीं भेजा गया है. 26 मार्च को गुरुग्राम में होने वाली इस शादी में सिर्फ पार्टी के वरिष्ठ चेहरे ही शामिल होंगे. इनके अवाला परिवार के लोग शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि इस शादी के कार्यक्रम को मायावती पूरी तरह से राजनीति से दूर रखना चाहती हैं. आकाश आनंद बसपा के नेशनल को-ऑर्डिनेटर हैं.
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक शादी का कार्ड किसी भी दूसरी पार्टी के नेताओं को नहीं भेजा जाएगा. साथ ही 26 मार्चो को होने वाली शादी के बाद 28 मार्च को होने वाले कार्यक्रम के लिए तय मेहमानों की लिस्ट को भी गोपनीय रखा गया है. इस लिस्ट में कौन-कौन शामिल होगा इसकी किसी को भी जानकारी नहीं है. आकाश आनंद की शादी 26 मार्च को गुरुग्राम के एंबिएंस आइलैंड में मौजूद 'ए डॉट बाई जीएनएच' में होनी है.
कौन है आकाश की दुल्हन?
आकाश आनंद अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक सिद्धार्थ की बेटी से शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं. वर्तमान में वो एमडी बनने की तैयारी में लगी हैं. आकाश के होने वाले ससुर सिद्धार्थ को बसपा प्रमुख मायावती का करीबी माना जाता है. कहा जाता है कि मायावती के कहने पर ही सिद्धार्थ ने डॉक्टरी का पेशा छोड़ दिया था और पार्टी में सक्रिय हो गए थे. इसके बाद वो एमएलसी बने, राज्यसभा भी भेजे गए. वर्तमान में सिद्धार्थ कई राज्यों में बसपा के प्रभारी भी हैं.
शादी में कौन-कौन होगा शामिल?
मायावती के भतीजे आकाश आनंद की शादी में बहुजन समाज पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं को न्योता भेजा गया है. इसमें पार्टी के सांसद, प्रदेश अध्यक्ष, मंडल प्रमुख और जिलों में अन्य पदों पर कार्यरत बड़े चेहरों का नाम शामिल है, जिन्हें शादी का कार्ड पहुंचा है. इसके अलावा दोनों परिवार के करीबी रिश्तेदारों को भी कार्ड भेजा गया है. राजनीति दूरी बनाने के मकसद से मायावती ने इस शादी में किसी भी दूसरी पार्टी के नेताओं को बुलावा नहीं भेजा है.
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