Manipur Violence: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में उनके बयान के दौरान हंगामा करने और सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वे ‘इंडिया’ (विपक्षी गठबंधन का नाम) होने का दावा करते हैं, लेकिन अगर वे भारत के राष्ट्रीय हितों के बारे में सुनने के लिए तैयार नहीं हैं तो वे किस तरह के इंडिया हैं?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जयशंकर ने सदन में विपक्षी सदस्यों के लगातार हंगामे के बीच भारत की विदेश नीति की सफलताओं तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया विदेश यात्राओं के बारे में सदस्यों को जानकारी देने के लिए सदन में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक बयान दिया.


विपक्षी दलों ने किया मणिपुर के नाम पर हंगामा
विदेश मंत्री ने बयान देना अभी शुरू ही किया था विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान और इस पर विषय पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा जारी कर दिया. विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए आज सदन में काले कपड़े पहनकर आये थे.


जयशंकर ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ने ‘पक्षपातपूर्ण राजनीति' को प्राथमिकता दी है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सरकार की उपलब्धि नहीं है बल्कि देश के लिए एक उपलब्धि है.


यह बहुत खेदजनक स्थिति है
भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अन्य देशों से सर्वोच्च सम्मान मिलने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर आप राष्ट्रपति का सम्मान नहीं कर सकते, उपराष्ट्रपति का सम्मान नहीं कर सकते, प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं कर सकते, अगर आप विदेश मंत्री को सदन में बयान देने की अनुमति नहीं देंगे तो फिर यह बहुत खेदजनक स्थिति है.’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हितों के मामलों में राजनीति को दरकिनार कर देना चाहिए.


(इनपुट - न्यूज एजेंसी- भाषा)