नई दिल्ली : ‘सिटी ऑफ जॉय’ कोलकाता में औपनिवेशिक काल के ढहते भवनों में कई रहस्यमयी कहानियां दफन है। भूतिया पुलों और कब्रिस्तान में भूतों की परछाईयों की कई कहानियां हैं जो कोलकाता के लोगों के जेहन में है लेकिन समय के साथ यह यादें धुंधली होती चली गयी हैं।


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फ्रांस के वाणिज्य महादूत फैब्रिसे एतीयेन की ख्वाहिश गुम होती जा रही इन भूतों की इन कहानियों को संग्रहित करने की थी और इसके लिए उन्होंने कोलकाता के अतीत को खंगालने का बीड़ा उठाया। दिन में राजनयिक का कामकाज और रात में भूतों की कहानियों ढूंढने वाले एतीयेन ने अपनी हाल ही में जारी पुस्तक ‘घोस्टस ऑफ कोलकाता’ में अपने इन्हीं अनुभवों को साझा किया है। इस किताब में उन्होंने इतिहास की तंग गलियों से होते हुये तथ्यों और कल्पनानों का एक ताना-बाना बुना है।


उन्होंने बताया, ‘वास्तव में इस पुस्तक में क्या है यह कहना मुश्किल है। यह कई चीज का मेल है। इसमें कुछ गैर-गल्प है। इसमें कुछ भाग यात्रा वृतांत है। इसके बाद में गल्प खंड है जिसमें भूत अपनी कहानियां कह रहे हैं।’ उन्होंने बताया, ‘इस तरह वास्तव में मैं ऐतिहासिक तथ्यों के साथ गल्प का मिश्रण किया है। कुछ जगहों पर यथार्थ से मुझे मदद नहीं मिली तो मैंने अंतराल पाटने के लिए कल्पना का सहारा लिया।’ उन्होंने बताया कि इस उपन्यास की शैली डरावनी या थ्रिलर नहीं है। बल्कि इसमें भूतकाल के भूतों पर दृष्टिपात किया गया है।