Fraud: जमीन के मालिक को खबर नहीं, बैंक ने किसी और को दे दिया 7.70 करोड़ का लोन; अब घर आया नोटिस
Bank Fraud Case: प्रयागराज से बैंक फ्रॉड का एक दिलचस्प मामला सामने आया है. इसमें इंडियन बैंक ने लगभग 50 लाख रुपये मूल्य की जमीन पर 7.70 करोड़ रुपये लोन किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया और जमीन के मालिक को फर्जी तरीके से बैंक का गारंटर बना दिया.
Fraud Case: UP के प्रयागराज जिले में बैंक धोखाधड़ी का एक दिलचस्प मामला सामने आया है. इसमें इंडियन बैंक ने लगभग 50 लाख रुपये मूल्य की जमीन पर 7.70 करोड़ रुपये लोन किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया और जमीन के मालिक को फर्जी तरीके से बैंक का गारंटर बना दिया.
FIR लिखवाने को परेशान पीड़ित
बैंक से लोन वसूली का कानूनी नोटिस मिलने पर जमीन के मालिक विनय राज ने इस धोखाधड़ी की FIR लिखाने के लिए जिलाधिकारी से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तक गुहार लगाई, लेकिन अभी तक उनकी FIR नहीं लिखी गई. विनय राज ने कहा कि एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने प्रार्थना पत्र लेकर उसे कोतवाली भेज दिया, लेकिन कोतवाल ने इस मामले की जांच एसएसपी स्तर से होने की बात कहकर प्राथमिकी लिखने से इनकार कर दिया.
2016 में खरीदी थी जमीन
वहीं, जिलाधिकारी संजय खत्री ने एक कमेटी बनाकर इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया. विनय राज ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने वर्ष 2016 में करछना के धनुआ में सात बिस्वा जमीन खरीदी थी और इस जमीन को गैर कृषि घोषित कराने के लिए करछना तहसील में कथित अधिवक्ता रणविजय सिंह को बैनामा के मूल कागजात दिए थे.
कोरोना काल में हो गया झोल
विनय राज का आरोप है कि रणविजय ने भूमि गैर कृषि घोषित करा दी, लेकिन मूल बैनामा गायब कर दिया और इसकी प्रमाणित प्रति उन्हें उपलब्ध करा दी. कोरोना काल के दौरान रणविजय ने उनके मूल बैनामे के आधार पर उन्हें फर्जी तरीके से बैंक गारंटर बना दिया और बैंक से 7.70 करोड़ रुपये का लोन ले लिया. इस ऋण के बारे में विनय राज को 5 मार्च, 2022 को बैंक नोटिस मिलने पर पता चला.
बैंक से मिला ये नोटिस
पीड़ित ने बताया, ‘बैंक नोटिस मिलने पर जब मैंने इंडियन बैंक की एचएसएस शाखा के बैंक मैनेजर से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि आप इस लोन के जमानतदार बनाए गए हैं और आपकी संपत्ति बंधक है. यदि आप लोन जमा नहीं कराएंगे तो आपकी संपत्ति नीलाम कर दी जाएगी.'
उन्होंने बताया कि नोटिस के मुताबिक रणविजय सिंह और उनकी पत्नी अनुराधा सिंह ने इंडियन बैंक से यह ऋण लिया है। विनय राज ने कहा कि उनकी जमीन की कीमत सर्किल दर के हिसाब से करीब 50 लाख रुपये है, जबकि बैंक ने इस जमीन पर सर्किल दर से 14.5 गुना अधिक ऋण दे दिया. उन्होंने कहा कि यह बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के बगैर संभव नहीं है.
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