Global Warming in India: गर्मी में इस टॉक्सिक गैस के फैलने से बढ़ा जान का खतरा, CSE ने किया चौंकाने वाला खुलासा
Toxic Gas in Summer: मौजूदा गर्मी के मौसम में ओजोन गैस में बढ़ोतरी से वातावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है, इससे कई शहरों में रहने वाले लोगों को खतरा है.
Ozone Gas Risk: पिछले कई दशकों से हम ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming) के असर का सामना कर रहे हैं, लेकिन अब ये खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा है. 'सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट' (Center For Science And Environment) यानी सीएसई (CSE) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस गर्मी के मौसम में टॉक्सिक ओजोन के फैलने से परेशानी बढ़ती जा रही है.
ओजोन गैस से इन बीमारियों का खतरा
इस रिपोर्ट के मुताबिक ओजोन एक बहुत टॉक्सिक गैस की कैटेगरी में आती है जो लोगों में अस्थमा और सांस संबंधी बीमारी का कारण बन सकती है. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में औसतन 16 स्टेशन मार्च-अप्रैल में दैनिक मानक से ज्यादा थे और ये पिछले साल कि तुलना में 33% की बढ़ोतरी है.
इस साल गर्मी में टूटे कई रिकॉर्ड्स
साल 2022 की गर्मी ने इस साल कई सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं, और गर्मी के मामले में एक नया इतिहास भी रचा है. बढ़ती गर्मी के साथ ही इस साल ओजोन में भी व्यापक बढ़ोतरी देखी गई है, जो दिल्ली कि हवाओं को और ज्यादा विषैला बनाती जा रही है. ओजोन गैस में वृद्धि के मामले में भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में राजधानी दिल्ली शुमार है, वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई दूसरे नंबर पर है. इस लिस्ट में कोलकाता तीसरे, हैदराबाद चौथे, चेन्नई पांचवे और बेंगलुरु छठे नंबर पर आता है.
खतरनाक हो चुके हैं हालात
CSE की रिसर्च और एडवोकेसी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रॉय चौधरी का ऐसा कहना है कि अगर हम हवा में फैल रहे प्रदूषण की मात्रा में कंट्रोल ले भी आएं, फिर भी जमीनी स्तर पर हो रहे ओजोन की वृद्धि से पीछा नहीं छुड़ा सकते है. कई सारे अलर्ट मिलने के बावजूद ये ओजोन प्रदूषण के मुद्दे को महत्व नहीं दिया जा रहा है और अगर समय से इस समस्या के ऊपर कदम नहीं उठाए गए तो ये लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या बन जाएगी.
प्रदूषण की वजह से जा रही है जान
साल 2020 में आई स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ओजोन की वजह से न सिर्फ प्रदूषण बढ़ा है, साथ ही कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है. आमतौर पर सूरज ढलने के बाद रात को ओजोन का प्रभाव कम होता है, लेकिन दिल्ली एनसीआर में रात के वक्त भी ओजोन का असर अपेक्षाकृत ज्यादा होता है. दिल्ली के मुंडका, गाजियाबाद के लोनी और वसुंधरा में और ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 3 में रात के वक्त ओजोन के असर को देखा गया है.
तुरंत एक्शन की जरूरत
भारत में तेजी से बढ़ती ओजोन गैस पर तुरंत एक्शन की जरूरत है. इंडस्ट्रियल फैक्ट्री, वाहनों के धुएं से हो रहे प्रदूषण पर कंट्रोल करना बेहद जरूरी हो गया है. इसके साथ ही प्रदूषण के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे प्रोग्राम में भी इस मुद्दे को लेकर जरूरी कदम उठाने की जरूरत है.
(इनपुट- अनुष्का गर्ग)