`पद्मावती` विवाद : उमा भारती ने कहा कलाकारों की गलती नहीं, भंसाली हैं जिम्मेदार
उमा ने कहा फिल्म की अभिनेत्री या अभिनेताओं के बारे में कोई भी टिप्पणी करना सही नहीं है. हालांकि उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और स्क्रिप्ट राइटर को विवाद के लिए जिम्मेदार बताया है
नई दिल्ली : संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पर मचे घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री उमा भारती फिल्म की लीड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के समर्थन में उतर आई है. उमा ने कहा फिल्म की अभिनेत्री या अभिनेताओं के बारे में कोई भी टिप्पणी करना सही नहीं है. हालांकि उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और स्क्रिप्ट राइटर को विवाद के लिए जिम्मेदार बताया है. गुरुवार को एक बाद एक कई ट्वीट कर उन्होंने इस मसले पर अपनी राय रखी है. बता दें कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार भंसाली पर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए कई नेताओं, संगठनों ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है.
उमा ने दीपिका का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, 'जब हम पद्मावती के सम्मान की बात करते हैं तो हमें सभी महिलाओँ के सम्मान का ध्यान रखना होगा. फिल्म पद्मावती के संदर्भ में उस फिल्म की अभिनेत्री या अभिनेताओं के बारे में कोई भी टिप्पणी उचित नहीं है. उनकी आलोचना अनैतिक होगी.' अगले ट्वीट में उमा ने कहा कि फिल्म की कहानी के लिए फिल्म के डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर जिम्मेदार होते हैं और उन्हें ही लोगों की भावनाओं और ऐतिहासिक तथ्यों का ध्यान रखना था.
एक ट्वीट में उमा ने फिल्म के कलाकारों से अपील की है कि वह इस मामले में पक्ष न बनें. उन्होंने कहा, मेरी अपील है कि फिल्म में जिन्होंने एक्टिंग की है वो इस विषय में पक्ष न बनें, कहानी की जिम्मेवारी डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर की होती है. उमा ने कहा, 'मुझे भरोसा दिलाया गया है कि सेंसर बोर्ड उन सब बातों का ध्यान रखेगा जिनपर आपत्ति की जा रही है. मुझे विश्वास है कि उनके जानकारी में भी चारों तरफ से आ रही आशंकाएं एवं आपत्तियां होंगी. उन्होंने कहा कि फिल्म सेंसर बोर्ड एक स्वतंत्र संस्था है. वह सबकी भावनाओं का ध्यान रखकर ही फिल्म को पारित करे, ऐसी हम सब की अपेक्षा है.
'पद्मावती' के विरोध में एकजुट हुए राजनीतिक दल, पूर्व राजघराने, सिविल सोसायटी और सामाजिक संगठन
इतिहास के साथ कथित छेड़छाड़ के विरोध में राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, राजस्थान के पूर्व राजघराने, हिन्दू संगठन और सर्वसमाज समवेत स्वर में फिल्म पद्मावती में महारानी पद्मावती का गलत चित्रण किए जाने का कड़ा विरोध करते हुए केन्द्र एवं राजस्थान सरकार से इसकी रिलीज पर रोक लगाने या विवादित अंशों को हटाने की मांग की है.
इस मामले में राजस्थान सरकार का कहना है कि उसने कला एवं संस्कृति विभाग से विवादित अंशों को लेकर रिपोर्ट देने को कहा है. रिपोर्ट आने पर सरकार उचित कार्रवाई करेगी, लेकिन इस संबंध में किसी को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी का कहना है कि विभिन्न संगठन आदि आरोप लगा रहे हैं कि फिल्म में इतिहास के तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है, यदि ऐसा है तो सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी फिल्म पद्मावती में इतिहास के तथ्यों को कथित रूप से गलत ढंग से दिखाये जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. किसी भी व्यक्ति को इतिहास को विकृत रूप से दिखाने का हक नहीं है. फिल्म में रानी पद्मावती के किरदार को गलत ढंग से पेश किये जाने को लेकर शुरू से विरोध कर रही राजस्थान करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह कालवी का कहना है कि फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली ने शूंटिग के दौरान विवाद होने के बाद हमें आश्वासन दिया था कि प्रोमो रिलीज होने से पहले उसे करणी सेना और राजपूत समाज को दिखाया जाएगा. उसके बाद ही फिल्म रिलीज की जाएगी, लेकिन निर्माता अपने वादे से मुकर गए.