PAK : नवाज शरीफ के ‘न्यायपालिका विरोधी’ भाषणों के प्रसारण पर 15 दिन की पाबंदी
एक अदालती अधिकारी ने कहा कि अदालत ने प्राधिकरण को न्यायपालिका विरोधी भाषणों के प्रसारण के संबंध में टीवी चैनलों की कड़ाई से निगरानी करने तथा 15 दिन बाद रिपोर्ट सौंपने का निर्देश भी दिया.
लाहौर: पाकिस्तान की एक अदालत ने सोमवार को देश की इलेक्ट्रानिक मीडिया निगरानी संस्था को निर्देश दिया कि टीवी चैनलों को अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ , उनकी बेटी मरियम नवाज और उनके अन्य सहयोगियों के न्यायपालिका विरोधी भाषणों के प्रसारण से रोका जाए.
क्या हुआ कोर्ट में?
न्यायमूर्ति मजाहिर अली नकवी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने पाकिस्तान मीडिया नियामक प्राधिकरण को कथित अवमाननापूर्ण भाषणों के संबंध में लंबित शिकायतों पर 15 दिन में फैसला करने तथा एक ढांचा तैयार करने का निर्देश दिया. अदालत ने शरीफ की तरफ से अधिवक्ता ए के डोगर द्वारा दायर वह आवेदन खारिज कर दिया जिसमें आग्रह किया गया था कि न्यायमूर्ति नकवी पूर्ण पीठ से खुद को अलग कर लें.
एक अदालती अधिकारी ने कहा कि अदालत ने प्राधिकरण को न्यायपालिका विरोधी भाषणों के प्रसारण के संबंध में टीवी चैनलों की कड़ाई से निगरानी करने तथा 15 दिन बाद रिपोर्ट सौंपने का निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि पीठ ने इस मामले में अदालत के क्षेत्राधिकार को चुनौती देने वाली शरीफ की याचिका खारिज कर दी.
भ्रष्टाचार के तीन मामलों का सामना कर रहे हैं शरीफ
शरीफ (68) भ्रष्टाचार रोधी अदालत में पनामा पेपर मामले से संबंधित भ्रष्टाचार के तीन मामलों का सामना कर रहे हैं. उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल जुलाई में उन्हें अयोग्य ठहराते हुए इस्तीफे के लिए मजबूर किया था. शरीफ ने भ्रष्टाचार के आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताकर खारिज किया था.
(इनपुट - भाषा)