नई दिल्ली : मुंबई आतंकी हमले के षड्यंत्रकारी ज़की उर रहमान लखवी को पाकिस्तान में जमानत पर रिहा किए जाने के खिलाफ एकजुट लोकसभा में सरकार और विभिन्न दलों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के साथ बैठ कर शुक्रवार को एक प्रस्ताव तैयार किया जिसे बाद में सर्वसम्मति से सदन ने उसे अपनाया।


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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा लखवी की रिहाई की कड़ी निंदा किए जाने और इस फैसले को वापस लिए जाने की मांग के बाद सदन में विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्य आपस में मिल कर इस प्रस्ताव को बनाने में जुट गए।


सदन में शून्यकाल के चलते रहने के बीच ही कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस बारे में अपनी पार्टी के शशि थरूर और के. सी. वेणुगोपाल से विचार-विमर्श करते देखे गए। इस बीच खड़गे साथ बैठे सदन के उपाध्यक्ष एम. थम्बी दुरै उठ कर मोदी और उनके साथ बैठे संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू के पास गए। उन्होंने ने उन दोनों से कुछ बात की।


इसके फौरन बाद नायडू ने थरूर को इशारे से बुलाया। थरूर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ सत्ता पक्ष की अग्रिम पंक्ति में आकर बैठ गए। उस पंक्ति में लालकृष्ण आडवाणी, प्रधानमंत्री और थंबी दुरै भी बैठे विचार-विमर्श कर रहे थे। ये सब लोग आपस में विचार विमर्श करते और कागज पर कुछ लिखते देख गए जो संभवत: प्रस्ताव का प्रारूप था।


इस पूरी प्रक्रिया में मुश्किल से आधा घंटा लगा। थरूर ने विपक्ष की अपनी सीट पर लौटने से पहले फिर से प्रधानमंत्री से बात की। इसके कुछ ही देर बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस प्रस्ताव को पढ़ा जिसे सदन से सर्वसम्मति से अंगीकार कर लिया।