Patiala House Court: दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने संसद में सुरक्षा चूक मामले में गिरफ़्तार चारों आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. पुलिस की तरफ से कोर्ट से सभी आरोपियों की 15 दिन की रिमांड मांगी गई. उधर चारों आरोपियों को कोर्ट की तरफ से वकील दिए गए. इसके बाद फिर कोर्ट ने 7 दिनों की रिमांड का आदेश दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को आरोपियों की रिमांड 7 दिनों के लिए दी गई है. हालांकि कोर्ट ने यह जरूर कहा है कि जरूरत पड़ने पर बढ़ाई जाएगी. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में नीलम, मनोरंजन, सागर और अमोल शिंदे शामिल हैं. जबकि पांचवां आरोपी ललित झा अभी भी फरार है. हैरान करने वाली बात है कि वह भी घटना के समय संसद के आसपास ही मौजूद था लेकिन जब हंगामा मचा तो वह भाग निकला है. फिलहाल इन चारों को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दिया गया है.


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कोर्ट में बहस के दौरान 
दरअसल, कोर्ट में बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने गिरफ्तार किए गए चार लोगों पर आतंकवाद का आरोप लगाया है. IPC-452, 153, and 16-18 UA(P)A का भी जिक्र है. 
- जज ने कहा कि मनोरंजन की मां शैलजा को गिरफ़्तारी के बारे में बताया
- नीलम की भाभी शबनम को उसकी गिरफ़्तारी के बारे में बताया
- संसद के डिप्टी डायरेक्टर सिक्योरिटी की शिकायत पर मामला दर्ज किया
- जूते में कैविटी बनायी हुयी थी जिसमें स्मोक बम रखा था
- उसी में छिपा के ले कर गये थे
- IPC-452, 153, and 16-18 UA(P)A
- पुलिस की तरफ से 15 दिन का रिमांड मांगा गया
- पुलिस ने कहा कि पूरी साज़िश के साथ ये घटना की गई
- इनके पास पैम्पलेट भी था, जिसमें प्रधानमंत्री को मिसिंग पर्सन दिखाया गया था.
- भगत सिंह यूवा कल्ब ग्रुप बनाया हुआ था
- ललित झा फरार है
- इस घटना के पीछे की साज़िश पता करना है, दो जोड़ी जूते लखनऊ से लिए थे.
- कैविटी बनाई गई थी और जूते वहीं से लिये थे इसलिये लखनऊ ले कर जाना है
- साज़िश का पता करना है क्योंकि इसके पीछे कुछ और लोग भी है
- मुंबई, लखनऊ और मैसूर जाना है जांच के लिए
- मीटिंग पैलेस, कैसे और कहां से पैसे आए इसके के बारे में जानना है.


घटना को सिलसिलेवार तरीके से समझिए
यह देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली इमारत से जुड़ा मसला है, इसलिए इस घटना को सिलसिलेवार तरीके से समझने की जरूरत है. हुआ कि 13 दिसंबर को संसद पर हमले की बरसी के ही दिन यह घटना हुई है. इस पूरी साजिश में फिलहाल 6 लोगों के नाम सामने आए हैं. जिसमें से 5 लोग संसद तक पहुंचे तो वहीं 1 आरोपी ने इन सभी को अपने घर में रहने में मदद की. लोकसभा में सागर शर्मा विजिटर गैलरी से कूदा तो वहीं मनोरंजन ने सदन के अंदर स्मोक क्रैकर जलाएं. इसके अलावा अमोल और नीलम ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया. इन चारों के साथ पांचवां ललित झा नाम का शख्स भी मौजूद था जो कि पूरा वीडियो बनाकर चारों के मोबाइल लेकर फरार हो गया. वह संसद परिसर में ही था लेकिन वह फरार हो गया. इस पूरी घटना में शामिल आरोपी गुरुग्राम में रहने वाले विशाल शर्मा के यहां रुके थे. दिल्ली क्राइम ब्रांच ने विशाल और उसकी पत्नी राखी को हिरासत में ले लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. 


6 में से 5 पुलिस की हिरासत में
इन 6 आरोपियों में से 5 अब पुलिस की हिरासत में है और उनसे पूछताछ लगातार जारी है. पुलिस यह जानने में जुटी है कि इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड आखिर कौन है क्योंकि पांचवां शख्स ललित झा अभी फरार है और उसे ही अभी तक मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. इनकी प्लानिंग को लेकर कई बड़े खुलासे भी सामने आए हैं. सूत्रों के मुताबिक, इन सभी आरोपियों की मुलाकात सोशल मीडिया पर हुई थी और सभी सोशल मीडिया पेज 'भगत सिंह फैन क्लब' से जुड़े हुए थे. और एक दूसरे से कई बार मिले. करीब डेढ़ साल पहले सभी आरोपियों की मुलाकात मैसूर में हुई थी. उसके बाद करीब 9 महीने पहले ये सभी चंडीगढ़ के पास किसान आंदोलन के दौरान भी मिले.


फिर कैसे पहुंचे संसद भवन?
यह भी सामने आया कि इन आरोपियों ने पहले ही इसकी तैयारी की हुई थी. संसद में कूदने वाले सागर शर्मा ने जुलाई महीने में आकर रेकी भी की थी और इसके लिए वो लखनऊ से दिल्ली भी आया था. लेकिन उस समय वो संसद भवन के अंदर नहीं जा पाया था. घटना से 3 दिन पहले यानी 10 दिसंबर को एक-एक कर सभी अपने अपने राज्य से दिल्ली पहुंचे थे. उस रात ये सभी गुरुग्राम में विक्की के घर रुके थे. अमोल महाराष्ट्र से कलर वाला पटाखा लेकर आया था. घटना वाले दिन संसद भवन जाने से पहले इन सभी की मुलाकात इंडिया गेट पर हुई थी. इंडिया गेट पर प्लानिंग के बाद दोपहर 12 बजे सागर और मनोरंजन संसद भवन के अंदर दाखिल हुए जबकि अमोल और नीलम ने बाहर प्रदर्शन की शुरुआत कर दी. पांचवां आरोपी ललित बाहर से वीडियो बना रहा था, जो भाग निकला. 


घटना का मास्टरमाइंड कौन है?
फिलहाल ललित झा फरार है. वह घटना के समय संसद के आसपास ही मौजूद था लेकिन जब हंगामा मचा तो वह भाग निकला है. उसकी लोकेशन लगातार बदल रही है. ललित के पास ही पकड़े गए चारों आरोपियों का फोन भी है. उसकी आखिरी लोकेशन राजस्थान बताई गई है. इसी बीच उसका कोलकाता कनेक्शन भी सामने आया है. वह अपने पिता के माध्यम से ही सेंट्रल कोलकाता के गिरीश पार्क में एक घर में रहता था. पिता पंडित हैं, यहीं पर एक कमरे में बीच-बीच में ललित और उसका भाई रहते थे. कोविड के बाद रहना उसने यहां रहना बंद कर दिया था.