Parliament smoke attack: लोकसभा में स्मोक अटैक ने सभी को चौंका दिया है. इस हमले के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि इन आरोपियों को विजिटर पास कैसे मिला. इसे लेकर बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के नाम की भी चर्चा हो रही है. प्रताप सिम्हा ने ही आरोपियों में से एक को विजिटर पास जारी किया था. हमले के बाद सिम्हा ने हाउस स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की. सूत्रों ने बताया कि सिम्हा ने स्पीकर को बताया कि आरोपी के पिता सागर शर्मा उनके निर्वाचन क्षेत्र मैसूर में रहते हैं और उन्होंने नए संसद भवन का दौरा करने के लिए पास का अनुरोध किया था.


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आरोपियों को कैसे मिला पास


बीजेपी सांसद ने कहा कि सागर के पिता लगातार उनके निजी सहायक और उनके कार्यालय के संपर्क में थे ताकि सागर शर्मा संसद का विजिटर पास मिल से. सिम्हा ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि उन्हें इस हमसे जुड़ी इतनी ही जानकारी पता है और इसके अलावा वे कुछ नहीं जानते. बता दें कि आरोपी सागर शर्मा द्वारा प्रताप सिम्हा के नाम से जारी विजिटर पास का इस्तेमाल कर लोकसभा में एंट्री का मामला गरमाता जा रहा है. इसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मैसूर में उनके कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया.


आरोपी पुलिस हिरासत में


बताते चलें कि संसद की सुरक्षा में बुधवार को हुई सेंधमारी की घटना में शामिल छह में से पांच आरोपियों को पकड़ लिया गया है. पुलिस के अनुसार अच्छी तरह से समन्वित, सावधानीपूर्वक रची गई साजिश के जरिए छह आरोपियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई. पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी अमोल शिंदे और नीलम को संसद भवन के बाहर से पकड़ा गया, जबकि सागर शर्मा और मनोरंजन डी को लोकसभा के अंदर से पकड़ा गया. ये पुलिस की हिरासत में हैं.


सांसदों ने आरोपियों को धरा


पुलिस को संदेह है कि उनके दो और साथी ललित और विशाल भी हैं. सूत्रों ने बताया कि विशाल को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है, जबकि ललित को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के दलों को विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है. सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए और उन्होंने 'केन' से पीली गैस को फैलाते हुए नारेबाज़ी की. हालांकि सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया. लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए 'तानाशाही नहीं चलेगी' आदि नारे लगाए.


सभी एक मानसिकता के


पुलिस सूत्रों ने कहा कि छह लोगों ने साज़िश रचकर और अच्छी तरह से किए गए समन्वय के जरिए घटना को अंजाम दिया और ये सभी इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया मंचों के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे, जहां उन्होंने साज़िश रची थी. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने कुछ दिन पहले साज़िश रची थी और बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने टोह भी ली थी. सूत्र ने कहा, 'उनमें से पांच लोग संसद में आने से पहले गुरुग्राम में विशाल के आवास पर रुके थे. साज़िश के अनुसार, सभी छह संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन केवल दो को ही पास मिला.' अमोल शिंदे से पूछताछ में पता चला कि छह आरोपी एक-दूसरे को पिछले चार साल से सोशल मीडिया के जरिए जानते थे. उनकी विचारधारा एक थी और इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फैसला किया.


(एजेंसी इनपुट के साथ)