शैलेंद्र, नरसिंहपुर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नरसिंहपुर (Narsinghpur) जिले से दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई है. यहां के जिला अस्पताल का प्रशासन बेहद असंवेदनशील रवैया अपनाए हुए है. यहां एक मृतक का शव घंटों तक अस्पताल की दहलीज पर पड़ा (Patients Slept With Dead Body In The Hospital) रहा. उस शव को न तो मोर्चुरी में रखा गया और न ही कोविड संदिग्ध गाइडलाइंस के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया गया.


अस्पताल प्रशासन ने मृतक के परिजनों पर बनाया दबाव


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बता दें कि नरसिंहपुर के जिला अस्पताल (Narsinghpur District Hospital) में करेली के करप गांव का रहने वाला एक 30 साल का युवक भर्ती था. जिसकी रविवार को दोपहर 12 बजे मौत हो गई. जिसके बाद उसके परिजनों पर शव को घर ले जाकर अंतिम संस्कार किए जाने का दबाव बनाया जाने लगा.


मृतक के भाई की हालत भी गंभीर


जान लें कि मृतक के अलावा उसका बड़ा भाई भी बीमार है. उसका ऑक्सीजन लेवल घटकर 85 तक पहुंच गया है. घर में उसके अलावा बुजुर्ग माता-पिता हैं लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन ने उन्हें लगातार परेशान किया.


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क्या हुआ था?


मृतक के भाई रतनेश दुबे ने बताया कि मेरा भाई बीते एक हफ्ते से बीमार था. पहले उसे एक प्राइवेट अस्पताल ले गए, जहां उसका ऑक्सीजन लेवल 44 पर आ गया था. जिसके बाद उसे जिला अस्पताल लेकर आए थे. मेरे भाई की कल दोपहर को मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन ने उसका शव यहां अस्पताल की दहलीज पर रख दिया और हमारे ऊपर शव को घर ले जाने का दबाव बनाने लगे.


उन्होंने आगे कहा कि नियम के मुताबिक, मेरे भाई के शव को या तो मोर्चुरी में रखा जाना चाहिए या फिर कोविड संदिग्ध गाइडलाइंस के तहत अस्पताल उसका अंतिम संस्कार करे. मेरे इलाज में भी अस्पताल लापरवाही बरत रहा है. यहां मरीजों को शव के साथ सोना पड़ा.


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गौरतलब है कि बाद में ये मामला नरसिंहपुर के अपर कलेक्टर तक पहुंच गया. उनके हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रशासन कोविड संदिग्ध गाइडलाइंस के मुताबिक शव का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुआ.


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