डोभाल के बयान पर PDP का पलटवार, J&K के विलय पर यकीन करने वालों को माननी चाहिए विलय-संधि
पीडीपी ने कहा,‘राज्य की आंतरिक संप्रभुता अधिकार का एक मामला है और इसका एक ऐतिहासिक महत्व है. हालांकि इन वर्षों के दौरान इस संप्रभुता को खोखला बना दिया गया है.
श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जम्मू-कश्मीर के अलग संविधान को ‘विचलन’ करार देने पर बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पर पलटवार करते हुए कहा कि जो भारतीय संघ में जम्मू-कश्मीर के विलय पर यकीन रखने वालों को विलय-संधि पर भी यकीन करना चाहिए.
पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने एक बयान में कहा,‘जो भी भारत में जम्मू-कश्मीर के विलय पर यकीन करते हैं और इसका अनुमोदन करते हैं उन्हें विलय-संधि के उपबंध 8 पर भी यकीन करना चाहिए जो राज्य की आंतरिक संप्रभूता प्रदान करता है.’
डोभाल के बयान से नाराज हुई पीडीपी
मीर ने यह बात डोभाल के इस बयान पर कही कि जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान शायद ‘सामान्य से एक विचलन’ है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने जोर दे कर कहा था कि संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता. पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे समय जब कश्मीर घाटी राजनीतिक उथलपुथल से गुजर रही है, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की तरफ से ऐसी अवांछित टिप्पणियां राज्य के लोगों के प्रति उनकी ‘असंवेदनशीलता’ दिखाती है.
'राज्य की आंतरिक संप्रभुता अधिकार का एक मामला'
मीर ने कहा,‘राज्य की आंतरिक संप्रभुता अधिकार का एक मामला है और इसका एक ऐतिहासिक महत्व है. हालांकि इन वर्षों के दौरान इस संप्रभुता को खोखला बना दिया गया है, यह अब भी निरंकुश शासन के खिलाफ हमारे साझे संघर्ष का प्रतीक हमारी शिनाख्त का मामला बनी हुई है.’
उन्होंने आगाह किया कि चुनिंदा भेदभाव और राज्य के विशेष दर्जे पर हमले लोगों को और भी ‘अलगाव’ में डालेगा क्योंकि विलय के समय भारत सरकार ने वचन दिया था कि कश्मीरी अवाम अपना संविधान खुद बना सकते हैं.’
बता दें एनएसए अजित डोभाल ने मंगलवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान होना संभवत: एक ‘त्रुटि’ थी.
(इनपुट - भाषा)