Mumbai Pan Jihad News: शिमला में डेमोग्राफी बदलने का एक बड़ा खेल रहा है. पहले अवैध मस्जिदों को इसके सबूत के तौर पर पेश करके, लोगों ने हंगामा किया था. अब लोगों की पहचान से जुड़ा बड़ा फ्रॉड सामने आया है.क्या आपको पता है कि शिमला के घुमा क्षेत्र में 35 से ज्यादा मुस्लिम व्यापारियों के पहचान पत्र एक जैसे हैं? मतलब जन्म की तारीख और जन्म का महीना एक जैसा ही है. क्या ऐसा मुमकिन है? भारतीयों के लिए उनका एक आधार कार्ड उनकी पहचान का सबूत है, लेकिन घुमा में एक आधार, कई लोगो की पहचान बना हुआ है.


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हिमाचल प्रदेश में डेमोग्राफी बदलने की साजिश


हिमाचल प्रदेश में एक बड़ी साजिश हो रही है. अवैध मस्जिदें इस साजिश का एक छोटा सा हिस्सा हैं. असली खेल डेमोग्राफी बदलने का है. यकीन ना हो तो ये तो सबूत देखिए. मेरा आधार मेरी पहचान वाली टैगलाइन आपने अपने आधार कार्ड पर जरूर देखी होगी. लेकिन शिमला में एक आधार ही सबकी पहचान वाला मामला सामने आया है.


हिमाचल में स्थानीय वर्सेज बाहरी वाला विवाद थमा नहीं है. घुमा इलाके में स्थानीय लोगों ने 100 से मुस्लिम व्यापारियों के आधार कार्ड चेक किए. आधार कार्ड से उन्हें बड़े फ्रॉड का पता चला. 35 मुस्लिम व्यापारियों के आधार कार्ड में जन्म की तारीख और महीना एक ही है. सबके आधार पर तारीख 1 और महीना जनवरी लिखा है. हालांकि जन्म का साल अलग-अलग है. इस खुलासे के बाद लोग भड़क गए और उन्होंने पुलिस से शिकायत दर्ज की. स्थानीय लोग कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.


कम पढ़े- लिखे होने का कर रहे बहाना


ज़ी मीडिया की टीम ने उन लोगों से भी बात की जिनके आधार कार्ड में गड़बड़ी पाई गई थी. जिन मुस्लिम व्यापारियों के आधार कार्ड में गड़बड़ी पाई गई है, वो खुद के कम पढ़े लिखे होने की बात कहकर, बचने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इलाके के लोगों को इसमें बड़ी साजिश नजर आ रही है. अब घुमा में बाहरी राज्यों से आए कारोबारियों को पुलिस स्टेशन में पहचान पत्र, बोनाफाइड सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र और वोटर आईडी कार्ड जमा कराने के लिए कहा गया है.


एक तरफ शिमला में फर्जी आधार कार्ड को लेकर हड़कंप मचा है तो वहीं मुंबई से पैन कार्ड जिहाद की खबर सामने आ रही है. दावा किया जा रहा है कि यहां एक खास इलाके में एक खास समुदाय के लोग दो दो आधार कार्ड बनवा रहे हैं. मुंबई बीजेपी के उपाध्यक्ष ने ऐसे लोगों की लिस्ट आम कर दी है. 


मुस्लिम इलाके में 2- 2 पैन कार्ड क्यों बनवा रहे लोग?


जिनके पास एक से ज्यादा पैन कार्ड हैं. एक पैनकार्ड तो ऐसा हाथ लगा है जिसमें चेहरा सेम.. नाम भी लगभग सेम.. लेकिन पैन नंबर अलग अलग.. अब सवाल उठता है कि आखिर लोगों को एक से ज्यादा पैन कार्ड की जरूरत क्यों पड़ी. जी मीडिया ने पैन जिहाद के दावों की पड़ताल की. उन लोगों तक भी पहुंचे जिनके नाम पर पैन कार्ड बनाए गए. देखिए क्या है पैन जिहाद के पीछे का सच.


पैन कार्ड दो हैं.. लेकिन तस्वीर एक ही है. पैन कार्ड दो हैं लेकिन नाम लगभग सेम. लेकिन खेला तो पैन नंबर में है. एक ही शख्स के नाम से दो दो पैन कार्ड बन गए.. और दोनों में नंबर भी अलग अलग.. यानी एक आदमी का दो अलग अलग Permanent Account Number. 


मुंबई के एक ही इलाके में बन रहे पैन कार्ड


मुंबई में इस तरह के कई पैन कार्ड्स के मिलने के बाद बवाल खड़ा हो गया है. इनकम टैक्स विभाग ने एक ही शख्स के दो दो पैन कार्ड्स होने की जांच की और इस तरह के कई पैन कार्ड्स को डीएक्टिवेट कर दिया. लेकिन सवाल तो इस बात पर उठ रहा है कि एक खास इलाके में ही इतने फर्जी पैन क्यों बनाए गए. इस खुलासे के बाद से इसे पैन जिहाद का नाम दिया गया है.


इस लिस्ट को गौर से पढ़िए. इकबाल मलिक, जाकिर हुसैन, मोहसिन शेख, शबनम मलिक, अल्ताफ खान और अब्दुल समद. इन सब ने दो दो पैन कार्ड बनवा रखे थे. इतने ही नाम नहीं हैं बल्कि लिस्ट लंबी है लेकिन इस लिस्ट में एक चीज और आम है.. इनका पिनकोड.. 400095 यानी मलाड वेस्ट. एक ही नाम से दो दो पैन कार्ड होने.. और वो भी एक खास इलाके में. ऐसे में सवाल तो उठने लाजमी हैं.


कहीं फाइनेंशल फ्रॉड की साजिश तो नहीं?


आरोप है कि किसी खास मकसद के लिए एक ही नाम से कई पैन कार्ड बनवाए जा रहे हैं. ऐसे ही एक पैन कार्ड पर नाम था कमरूँनीसा. जी मीडिया संवाददाता ने पैन और आधारकार्ड पर अड्रेस के आधार पर कमरूनीसा को ट्रैक डाउन किया.. ये जानने की कोशिश की.. कि आखिर दो दो पैन कार्ड बनाने के पीछे कमरूनीसा का मकसद क्या था..


कमरूनीसा का कहना है कि उन्होंने नाम बदलने के लिए आवेदन दिया था. ऐसे में अलग पैन नंबर कहां से आ गया.. इसका साफ जवाब नहीं दे पाईं. कमरूनीसा के अलावा मलाड वेस्ट इलाके में ऐसे कई लोग हैं जिनके नाम पर दो दो पैन कार्ड बने हैं.. ऐसे में पैन कार्ड जिहाद का अंदेशा जताया जा रहा है. आरोप गंभीर है, लिहाजा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने जांच के आदेश दे दिए हैं.


दो दो पैन कार्ड के मायने क्या हैं अब वो समझिए. एक नाम से दो पैन कार्ड बनाने का एक मकसद फाइनैंन्शियल फ्रॉड हो सकता है. यानी हवाला के जरिए पैसों की लेनदेन, फॉरेन फंडिंग. ॉ. ऐसे में एक शख्स के नाम पर दो दो पैन कार्ड का मामला वाकई चिंताजनक है.