Jewar Airport Project Latest update: जेवर एयरपोर्ट से जुड़ा एक बड़ा फैसला सरकार ने लिया है. जिसके तहत अब जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चारों ओर पेरिफेरल सड़क बनाई जाएगी. वहीं इसके साथ ही इस रोड के पैरलर एक बफर जोन भी विकसित किया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके लिए अथॉरिटी ने 7 गांवों की जमीन अधिग्रहण का फैसला किया है. इन गांवों के किसान अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. यह जमीन अथॉरिटी किसानों से सीधे खरीदेगी.


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इस तरह पूरा होगा काम


एयरपोर्ट के पूर्वी हिस्से में 100 मीटर चौड़ी पेरिफेरल रोड बनाई जाएगी. प्राधिकरण सड़क और बफर जोन के लिए 500 मीटर की चौड़ाई में जमीन खरीदेगा. इसके लिए थोरा, बंकापुर, पारोही, रोही, दस्तमपुर, रण्हेरा और मुढहर गांव की जमीन खरीदी जाएगी. अभी एयरपोर्ट के पूर्वी भाग के लिए जमीन खरीदी जा रही है. बाद में आगे अन्य हिस्सों के लिए भी जमीन खरीदी जाएगी.


तीसरे और चौथे चरण का निर्माण


नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के तीसरे और चौथे चरण के निर्माण के लिए 14 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी. अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव मंजूरी के लिए जिला प्रशासन को भेज दिया है. यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार इसी सप्ताह उक्त जमीन के अधिग्रहण के लिए जो राशि खर्च होनी है उसका 10 फीसदी हिस्सा जिला प्रशासन को दे दिया जाएगा, जबकि दूसरे चरण की 1,365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया गया है.


प्राधिकरण की तैयारी है पूरी


यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुण सिंह ने बताया कि हवाई अड्डा परियोजना को लेकर प्राधिकरण ने 14 और गांव की जमीन के लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है. उन्होंने बताया कि पहले चरण में 1,334 हेक्टेयर, दूसरे चरण में 1,365 हेक्टेयर और तीसरे चरण में 1,318 और चौथे चरण में 735  हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी.


सीईओ ने बताया कि 14 गांव की 2,053 हेक्टेयर जमीन ली जानी है जिनमें दयानतपुर, बंकापुर, पारोही, रोही, किशोरपुर, मुकीमपुर सिवारा, साबौता मुस्तफाबाद, किशोरपुर, रामनेर, बनवारी बास, ख्वाजपुर, थोरा, नीमका- शाहजहांपुर, जेवर बांगर और अहमदपुर गांव शामिल हैं.


उन्होंने बताया कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के चारों चरणों के लिए कुल 4,752 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी. सिंह के मुताबिक, अब तक छह गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि छह अन्य गांवों को विस्थापित और अधिग्रहित करने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि तीसरे और चौथे चरण के लिए राज्य मंत्रिमंडल से पहले ही 14 गांवों के विस्थापन और जमीन अधिग्रहण की मंजूरी मिल चुकी है.


किसानों की बल्ले-बल्ले


एयरपोर्ट के चारो ओर पेरिफेरल रोड बनाने की जो प्लानिंग चल रही है उसके पूरा होने पर इन गांवों के लोगों को जबरदस्त फायदा होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अपनी जमीन का मनमुताबिक रेट मिल सकता है. इससे लोकल बिजनेस को एक्सप्लोर करने का मौका मिलेगा. इस रोड की वजह से कई अन्य गावों के लोगों को विकास की हाई स्पीड से जुड़ने का मौका मिलेगा. 


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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