पुरातत्व विभाग का बड़ा खुलासा, सोमनाथ मंदिर के नीचे दबी मिली 3 मंजिला इमारत, बौद्ध गुफाओं के निशान भी मिले
सोमनाथ महादेव मंदिर (Somnath Temple) के ठीक नीचे तीन मंजिला इमारत के बारे में खुलासा हुआ है. आईआईटी गांधीनगर (IIT Gandhi Nagar) और पुरातत्व विभाग (Archeological Department) ने अपनी खोज में ये पता लगाया है.
GPR इन्वेस्टिगेशन में मिली ये जानकारियां
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ मंदिर को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पुरातत्व विभाग को जांच के आदेश दिए थे. पीएम मोदी सोमनाथ मंदिर के ट्रस्टी भी हैं. लगभग एक साल पहले पीएम मोदी ने एक मीटिंग के दौरान पुरातत्व विभाग को इस जांच लिए कहा था. अब पुरातत्व विभाग ने अपनी 32 पन्नों की ये जांच रिपोर्ट सोमनाथ ट्रस्ट को सौंप दी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि मंदिर के नीचे L शेप की एक और इमारत है. करीब 5 करोड़ रुपए की आधुनिक मशीनों से मंदिर के नीचे यह जांच की गई है.
तीन मंजिला L-आकार की इमारत
पुरातत्व विभाग की जांच के मुताबिक, सोमनाथ मंदिर के दिग्विजय द्वार से कुछ दूरी पर ही स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्टेच्यू के आस-पास बौद्ध गुफाएं भी हैं. जमीन के नीचे करीब 12 मीटर तक GPR इन्वेस्टिगेशन करने पर पता चला कि नीचे भी एक पक्की इमारत है और प्रवेश द्वार भी है. आईआईटी गांधीनगर और पुरातत्व विभाग के 2017 में हुई खोज में पता चला था कि सोमनाथ महादेव के मंदिर परिसर में एक तीन मंजिला L-आकार की इमारत जमीन के भीतर दबी हुई है. 2017 में सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभास पाटन और सोमनाथ में पुरातत्व का अध्ययन करने का सुझाव दिया. आईआईटी गांधीनगर ने यह रिपोर्ट सोमनाथ ट्रस्ट को दी है.
32 पन्नों की रिपोर्ट
इस रिपोर्ट में सोमनाथ और प्रभास पाटन के कुल 4 इलाकों में जीपीआर इन्वेस्टिगेशन किया गया जिसमें गोलोकधाम, सोमनाथ मंदिर के दिग्विजय द्वार से पहचाने जाने वाले मेन गेट से सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू के आसपास की जगह के साथ ही बौद्ध गुफा को भी शामिल किया गया. इस बारे में 32 पन्नों की एक रिपोर्ट नक्शों के साथ सोमनाथ ट्रस्ट को दी गई.
आईआईटी गांधीनगर के एक्सपर्ट के जरिए 5 करोड़ से भी ज्यादा लागत की बड़ी-बड़ी मशीन यहां पर लगाई गई थी. अलग-अलग इलाकों में इस मशीन के जरिए सर्च किया गया. यहां पर 2 मीटर से लेकर 12 मीटर तक जीपीआर इन्वेस्टिगेशन किया गया.
गुजरात के वेरावल में स्थित सोमनाथ मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने किया था. सोमनाथ मंदिर को इतिहास में कई बार खंडित किया गया. इतिहासकारों के मुताबिक, इस मंदिर को कई बार मुस्लिम आक्रमणकारियों और पुर्तगालियों ने ताेड़ा और कई बार इसका पुनर्निर्माण हुआ. महमूद गजनवी ने भी इस मंदिर पर आक्रमण किया था और इसे नुकसान पहुंचाया था.